न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): पंजाब (Punjab) के दो मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज (4 सितंबर 2021) मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खत लिखकर मांग की कि, बटाला शहर (Batala city) को पंजाब के 24वें जिले में राजकीय मान्यता दी जाये जिससे कि ‘लोगों की इच्छा और इस इलाके में समग्र विकास को पर्याप्त सम्मान हासिल होगा। मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि बटाला ऐतिहासिक शहर है, लेकिन इसे वो सब नहीं मिला जिसका ये शहर हकदार है।
दोनों मंत्रियों ने ये भी मांग की कि इसके साथ ही फतेहगढ़ चूड़ियां और श्री हरगोबिंदपुर (Sri Hargobindpur) या घुम्मन के ऐतिहासिक शहरों को भी नये जिले बटाला के नए उप-मंडलों में तब्दील किया जाये। मंत्रियों ने बताया कि बटाला पंजाब का अहम शहर था जिसके साथ समृद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक और साहित्यिक विरासत जुड़ी हुई है।
बटाला बठिंडा (Bathinda) के बाद पंजाब का सबसे पुराना शहर था। जिसकी स्थापना 1465 में हुई और जनसंख्या के मामले में राज्य का ये आठवां सबसे बड़ा शहर भी था जहां पिछले साल एक नगर निगम का गठन किया गया। 1487 में बटाला की ऐतिहासिक विरासत पर जोर देते हुए, मंत्रियों ने कहा कि ये महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) के शासनकाल के दौरान लाहौर और अमृतसर के बाद सिख साम्राज्य (Sikh Empire) का एक अहम् शहर भी था।
मंत्रियों ने खत में लिखा कि, "सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से दुनिया भर में कोई भी पंजाबी ऐसा नहीं है जिसने महान पंजाबी कवि शिव कुमार (Great Punjabi Poet Shiv Kumar) का नाम नहीं सुना हो, जिन्होंने अपना उपनाम बटालवी (Batalvi) जोड़ा। इस वज़ह से इस शहर की प्रतिष्ठा और बढ़ गयी। दिवंगत कवि साहित्यिक क्षेत्र में बिरहा के जाने माने कवि और पंजाबी के कीट्स (Keats of Punjabi) के तौर पर जाने जाते है।