न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): चीन की मजबूत सैन्य घेरेबंदी करने के लिए बने सामरिक गठबंधन क्वाड (Strategic Quad Alliance) के नेताओं की जल्द ही बैठक हो सकती है। इस बात की पुष्टि ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने की। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और जापानी पीएम योशीहाइड सुगा भी शिरकत कर सकते है।
हालांकि फिलहाल इस बैठक के शेड्यूल को अन्तिम रूप नहीं दिया गया है। इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि मैं क्वाड नेताओं की पहली बैठक का काफी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ। ये सभी क्वाड नेताओं की पहली आधिकारिक बैठक होगी। मैंने पहले ही नरेंद्र मोदी और पीएम योशीहिदे सुगा के साथ इस मसले पर द्विपक्षीय चर्चा (Bilateral discussion) की थी।
उन्होनें आगे कहा कि इस तरह की बैठकें “इंडो पैसिफिक एंगेजमेंट की विशेषता” बन जाएंगी, लेकिन इसमें नौकरशाही को ज़्यादा जगह नहीं दी जायेगी। गठबंधन का सचिवालय 4 नेताओं, 4 देशों के साथ मिलकर शांति, समृद्धि और भारत की स्थिरता के लिए रचनात्मक रूप से काम करेगा। शिखर सम्मेलन उन पहली चीजों में से एक था, जब मैनें अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन के साथ चर्चा की थी। क्वाड भागीदार देशों (Quad Partner Countries) को केन्द्रीय सोच है। इंडो पैसिफिक और आसियान के लिए ये गठबंधन की समग्र दृष्टि उपलब्ध करवाता है।
बीते फरवरी में क्वाड गठबंधन ने विदेश मंत्री स्तरीय तीसरी बैठक आयोजित की थी। जिसमें यू.एस. राज्य सचिव ब्लिंकेन, जापान एफएम मोतिगी तोशिमित्सु, ऑस्ट्रेलियाई एफएम मारिज पायने और एस.जयशंकर ने कोरोना महामारी और म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर विस्तृत चर्चा की।
पिछले साल टोक्यो में विदेश मंत्रियों ने फिजिकल मीटिंग की। चीन इस गठबंधन को बेहद शक्की निगाहों से देखता है। जिसके चलते इसे एशियाई नाटो कहा गया। इस गठबंधन के लिए कवायदें जापानी पीएम शिंजो आबे की अगुवाई में साल 2007 में शुरू हुई।
इस गठबंधन को असली चेहरा साल 2017 में मिला, जब इस समूह से जुड़े नेता मिले थे। बीते साल ऑस्ट्रेलियाई नौ-सेना ने इसी गठबंधन के तले मालाबार अभ्यास नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया। ये गठबंधन हिंद महासागर में स्थायी शांति और सामरिक स्थिरता के लिए सक्रिय है।