न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिये इन्टरव्यूह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर “ओछी मानसिकता” (निम्न स्तरीय सोच के प्रेरित राजनीति) फैलाने का आरोप लगाया। अमित शाह के मुताबिक सीमा पर चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बीच राहुल गांधी लगातार ऐसे बेतुके बयान दे रहे है। जिसे इस्लामाबाद और बीजिंग काफी पसन्द कर रहा है। सरकार संसद में उनसे बहस के लिए तैयार है। 1962 से लेकर आज तक दो-दो हाथ हो जाये।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के दिये साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा कि- राहुल गांधी को एक बार खुद में झांककर देखना चाहिए। उनके द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया हैशटैग ‘Surender Modi’ कहीं ना कहीं पाकिस्तान और चीनी एजेंडे को बढ़ावा देता है। भारत सरकार पड़ोसी देशों से हो रहे, भारत-विरोधी दुष्प्रचार को रोकने में पूरी तरह काबिल है। लेकिन निराशा तब होती है, जब देश की एक बड़ी पॉलिटिकल पार्टी का पूर्व अध्यक्ष नाज़ुक हालातों के बीच स्तरहीन मानसिकता की राजनीति करने में व्यस्त हो।
न्यूज़ एजेंसी ने अमित शाह से पिछले हफ़्ते वायरल हुए #Surender Modi से जुड़ा सवाल पूछा और ये भी पूछा कि क्या ये चीन और पाकिस्तान में खूब चल रहा है? इस पर उन्होनें कहा- ये मौका है, कांग्रेस एक बार खुद में झांककर देखे। INC द्वारा फैलाये जा रहे हैशटैग को चीन और पाकिस्तान हाथों हाथ ले रहा है। ये मसला मेरे लिए नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए गहरा चिंता का विषय है। कांग्रेसी नेता इस्लामाबाद और बीजिंग को काफी तव्ज़्जों दे रहे है। आप (कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता) क्या कहते है, आपको सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान और चीन पसन्द है?
इस सवाल के ज़वाब के दौरान न्यूज़ एजेंसी ने उनसे पूछा कि, अगर मौजूदा हालातों में भारतीय इलाके में चीनी सैनिक पाये जाते है तो भारतीय पक्ष क्या कार्रवाई करेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि- एलएसी के हालातों पर बयान देने का ये माकूल वक़्त नहीं था। ब्रीफिंग चल रही थी और अगर हमें जरूरत महसूस होगी तो वाज़िब कार्रवाई कर हम ज़वाब देगें। इस दौरान अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि, दिल्ली में कोविड-19 के माहौल से जुड़े सवालों को ही इन्टरव्यूह के दायरे में रखा जाये। जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गये प्रशासनिक कदमों से जुड़े सवाल शामिल हो। जिससे राजधानी दिल्ली में बन रहे आंतक का माहौल का कम किया जा सके।
हालांकि, इस दौरान अमित शाह ने राहुल गांधी द्वारा किए गए ट्वीट्स का जवाब दिया, जो चीन के साथ एलएसी की स्थिति पर सरकार की प्रतिक्रिया के लिए काफी अहम थे।
“पार्लियामेंट होनी है, चर्चा करनी है तो आइये करेगें। 1962 से आज तक दो-दो हाथ हो जाये। चर्चा से कोई नहीं डरता है। जब ज़वान संघर्ष कर रहे है। सरकार ठोस कदम उठा रही है। उस वक्त पाक और चीन को खुशी हो, ऐसे बयान नहीं देने चाहिए”
आपातकाल के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा था कि, भाजपा के कार्यकाल में देश में लोकतान्त्रिक मूल्यों में गिरावट आयी है। इस सवाल के ज़वाब में उन्होनें कहा- इंदिरा गांधी के बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष रहा है? बावजूद इसके कांग्रेस हमसे किस लोकतंत्र की बात करती है?
उन्होनें कहा- लोकतंत्र बहुत व्यापक शब्द है। अनुशासन और स्वतंत्रता की भी अपनी अहमियत है। इन सब से परे, मैं एक बात कहना चाहता हूं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं। आडवाणी जी, राजनाथ जी, नितिन गडकरी जी, राजनाथ जी के बाद, मैं फिर से (पार्टी अध्यक्ष) बन गया और अब नड्डाजी। क्या हम सब एक ही परिवार के सदस्य हैं? इंदिराजी के बाद, मुझे एक कांग्रेस अध्यक्ष का नाम बताइए, जो गांधी परिवार से बाहर का हो। वो (कांग्रेस) किस लोकतंत्र की बात करते हैं?
आपातकाल के मसले पर कांग्रेस के घेरते हुए अमित शाह ने कहा-मैंने COVID के दौरान कोई राजनीति नहीं की। आप पिछले 10 सालों के मेरे ट्वीट्स को देखें। हर 25 जून को मैं एक बयान देता हूं। आपातकाल को लोगों द्वारा याद किया जाना चाहिए क्योंकि इसने हमारी लोकतंत्र की जड़ों पर हमला किया। लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए। किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता, नागरिक को नहीं भूलना चाहिए। इसके बारे में जागरूकता होनी चाहिए। ये किसी पार्टी के बारे में नहीं है, बल्कि देश के लिए किए गए हमले के बारे में है।