नई दिल्लीः- महिलाओं को सेना में लड़ाकू भूमिका (Combat role) देने के मसले पर जैसे कल कोर्ट की ओर फैसला आया। इसकी जमकर तारीफ हुई। ये तारीख देश के इतिहास में दर्ज हो जायेगी। अब महिलाओं के सेना में परमानेट कमीशन (Permanent Commission) देने के लिए भी रास्ते आसान हो जायेगें। इस दौरान न्यायालय (Court) में इसे लेकर काफी ज़िरह हुई। सरकार की ओर से वकीलों ने महिलाओं को युद्धक भूमिका देने के मसले पर कई दलीलें (Arguments) दी। इसे ही आधार बनाते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश साथ ही इसे राजनीतिक रंग दिया।
राहुल गांधी ने ट्विट कर लिखा कि- माननीय सर्वोच्च न्यायालय (Honorable Supreme Court) में सरकार ने दलील देकर महिलाओं का अपमान किया। सरकार की ओर से कहा गया कि, महिला अधिकारी (Female officer) सेना में कमांड पोस्ट (Command post) और परमानेट कमीशन लायक नहीं है। क्योंकि वो पुरूषों से कमतर है। मैं देश की महिलाओं को बधाई देना चाहता हूँ कि उन्होनें भाजपा की दाकियानूसी सोच (Conservative thinking) को गलत साबित किया।
जैसे ही ट्विट सामने आया तो, भाजपा की ओर स्मृति ईरानी ने मोर्चा संभाला और राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए लिखा कि- आदरणीय (राहुल गांधी) बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने। पीएम मोदी जी की पहल (initiative) पर ही सशस्त्र बलों (Armed forces) में महिलाओं के लिए परमानेट कमीशन देने की शुरूआत हुई। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के महिला मोर्चा ने पहली बार इस मुद्दे को उठाया था, जब यूपीए (UPA) की सरकार हुआ करती थी। इसलिए ट्विटर पर लिखने के लिए उंगलियों को कष्ट देने से पहले अपनी टीम से फैक्ट चेक (Fact check) करने के लिए कहे।