नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) जिन्हें हाल ही में दो साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी, ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में अपनी सजा को पलटने के लिये सूरत (Surat) की अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्हें 2 साल की जेल की सजा हुई थी। उनकी सजा के ऐलान के कुछ दिनों बाद राहुल गांधी ने सूरत की अदालत का दरवाजा खटखटाया और फैसले के खिलाफ अपील की, उनकी जमानत को अपील के डिस्पोजल तक बढ़ा दिया गया और मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होने वाली थी।
सूरत जिला और सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी को 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। अदालत 13 अप्रैल को राहुल की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें सजा को निलंबित करने की मांग की गयी थी। राहुल गांधी 3 अप्रैल को अदालत में पेश हुए और 23 मार्च की अपनी सजा के खिलाफ अपील दायर की।
इससे पहले राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी, लेकिन उन्हें 30 दिनों के लिये 23 अप्रैल तक के लिये जमानत दे दी गई थी, ताकि उनके पास उच्च न्यायालय में सजा को रद्द करने के लिये अपील करने का विकल्प मौजूद हो।
राहुल गांधी को वापस मिल पायेगी लोकसभा की सदस्यता?
जेल की सजा के ऐलान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी लोकसभा (Lok Sabha) सदस्यता खो दी और उन्हें वायनाड (Wayanad) से सांसद के पद से हटा दिया गया। सजा के खिलाफ अपील के जरिये राहुल गांधी के पास अब अपनी लोकसभा सीट वापस पाने का मौका है।
चूंकि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गयी है, लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (Lily Thomas Vs Union Of India) मामले के फैसले के मुताबिक लोकसभा नेता अपनी लोकसभा सदस्यता वापस पा सकते हैं, जो कि कहता है कि दोषसिद्धि पर रोक उलटने के लिये लोकसभा सदस्यता निलंबन (Lok Sabha membership suspension) पर्याप्त है।
मामले को लेकर कानूनी जानकारों का मानना है कि अगर सत्र अदालत मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाती है तो ये उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली का रास्ता साफ करेगा, लेकिन इससे पहले सजा पर लगना रोक जरूरी है।