न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): लंबे समय से Waiting Ticket टिकट यात्रियों के लिए परेशानी का सब़ब बने हुए है। जिसके चलते होली, दिवाली, छठ जैसे मौकों पर Indian Railways को खास इंतज़ाम करने पड़ते है। बिहार और पूर्वांचल के रूट्स (Railway routes of Bihar and Purvanchal) पर पूरे साल वेटिंग का चलन अक्सर आम बात रहती है। ऐसे में शादी-विवाह के अवसरों पर जब लोग अपने परिवारों के साथ धक्के खाते हुए वेटिंग टिकट से चलने के लिए मजबूर हो जाते है। ऐसे में कई यात्री विडों से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर में जमीन पर बैठकर जाने के विकल्प भी अपनाते है। मौजूदा कोरोना संकट के दौर में स्पेशल ट्रेनों में सिर्फ कन्फर्म टिकट पर सफर की व्यवस्था सुनिश्चित (In the Corona crisis, travel arrangements are confirmed only on confirmed tickets) की गयी है।
इन सभी परेशानियों को समझते हुए भारतीय रेलवे नयी व्यवस्था लागू करने जा रहा। जिसकी मदद से सभी को कन्फर्म टिकट और सीट मिल सकेगी। गारंटीड रिजर्वेशन निर्धारित करने के लिए अब प्रत्येक रेलवे जोन में क्लोन ट्रेन की व्यवस्था (Clone train arrangement in all railway zones) पर विचार किया जा रहा है। यानि कि किसी रूट्स पर चलने वाले ट्रेन की टिकट बुकिंग फुल होने पर भी रेलवे अतिरिक्त टिकटों की बुकिंग उसी ट्रेन के नाम से जारी रखेगा। बाद में उसी रूट् पर अतिरिक्त ट्रेन की रवानगी कर दी जायेगी। जिससे कि वेटिंग टिकट की समस्या का खात्मा (The problem of waiting tickets is over) किया जा सकेगा।
भारतीय रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक क्लोन ट्रेन वास्तविक ट्रेन की तुलना में कम ही स्टॉपेज पर रूकेगी। जल्द ही इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए ट्रायल रनों की शुरूआत की जायेगी। साथ ही मंत्रालय के अधिकारी उन ट्रेनों और रूट्स की भी पहचान करेगें। जिन पर वेटिंग टिकटों का ज़्यादा बोझ (More burden of waiting tickets on specific routes) रहता है। अगर ट्रायल कामयाब रहे तो, इस व्यवस्था को जल्द ही लागू कर दिया जायेगा।
कयास ये भी लगाये जा रहे है कि, मूल ट्रेन छूटने के बाद घंटे भर के भीतर ही क्लोन ट्रेन की रवानगी कर दी जायेगी। ऐसे में संभवत: क्लोन ट्रेन का प्लेटफॉर्म मूल ट्रेन के प्लेटफॉर्म से बदल सकता है। ऐसे में वेटिंग टिकट धारक यात्री क्लोन ट्रेन की मदद (Clone train facility for waiting ticket holding passengers) से अपने गंतव्य तक मूल ट्रेन की तुलना में तकरीबन एक घंटे देर से पहुँच सकते है। लेकिन उन यात्रियों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, जो कि ट्रेन की आखिरी स्टेशन पर ना उतरकर बीच में उतरते थे। चूंकि क्लोन ट्रेन के स्टॉपेज स्टेशनों को मूल ट्रेन के स्टेशनों की तुलना में कम रखा गया (The stoppage stations of the clone train were kept lower than the stations of the original train) है। वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को क्लोन ट्रेन में कंफर्म बर्थ से जुड़ी जानकारी 4 घंटे पहले देने की संभावनाओं (Possibility of giving information related to confirmed berth 4 hours in advance) पर भी कारगर तरीके से काम किया जा रहा है।
भारतीय रेलवे ने क्लोन ट्रेन से जुड़ी कवायद पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु (former railway minister Suresh Prabhu) के कार्यकाल बनाई गयी थी, लेकिन कुछ कार्यकारी कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका था। उस दौरान इस योजना को विकल्प सेवा नाम दिया गया था। अगर ये परियोजना प्रभावी ढंग से लागू हुई तो रेलवे को वेटिंग टिकट का रिफंड देने के काम से मुक्ति मिलना तय (Railways to get rid of waiting ticket refund) है। फिलहाल रेलवे मंत्रालय उन पैमानों को भी तैयार करेगा, जिसके तर्ज पर क्लोन ट्रेन का परिचालन होगा। प्रत्येक क्लास (चेयर कार, सैकेंड क्लास स्लीपर, थर्ड एसी, सैकेंड एसी, फर्स्ट एसी) में निर्धारित वेटिंग टिकटों की बिक्री के बाद क्लोन ट्रेन चलायी जा सकेगी। कुल मिलाकर रेलवे का ये प्रयास सराहनीय है। अगर इसे अमल में लाया जाता है तो आम जनता को भारी राहत मिलना तय है।