न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही मध्य प्रदेश में रिनोवेट हुए हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Railway Station) का उद्घाटन करेंगे, जिसका नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया है। स्टेशन के नवीनीकरण की लागत लगभग 100 करोड़ थी और इसका नाम बदलकर गोंड रानी कमलापति (Gond Queen Kamalapati) के नाम पर रखा गया था।
ये रेलवे स्टेशन यात्रियों को हवाई अड्डे जैसा अनुभव देने के लिये पूरी तरह तैयार है। बता दे कि स्टेशन का नाम बदलने का फैसला केंद्र सरकार ने उस वक़्त लिया जब 15 नवंबर को बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की याद में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय लिया गया।
हबीबगंज से रानी कमलापति स्टेशन का नाम बदलने से कई विपक्षी पार्टियों (Opposition Parties) में असहजता का माहौल दिख रहा है। ये पहला ऐसा स्टेशन नहीं है, जिसका नाम भाजपा शासन में बदला गया हो। साल 2018 में मुगलसराय जंक्शन (Mughalsarai Junction) का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (Pandit Deen Dayal Upadhyay Junction) कर दिया गया। उसी साल योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) द्वारा इलाहाबाद रेलवे स्टेशन (Allahabad Railway Station) का नाम बदलकर प्रयागराज रेलवे स्टेशन (Prayagraj Railway Station) कर दिया गया। इसी साल दिवाली के मौके पर फैजाबाद जंक्शन (Faizabad Junction) स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या छावनी रेलवे स्टेशन (Ayodhya Cantonment Railway Station) कर दिया गया।
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के पास अपनी मर्जी से किसी भी स्टेशन का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। किसी भी स्टेशन का नाम बदलने का फैसला पूरी तरह से राज्य सरकार का होता है।
रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार गृह मंत्रालय (Home Ministry) और नोडल मंत्रालय को पत्र लिखती है। एक बार एमएचए द्वारा आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू होती है। खासतौर से जब स्टेशनों का नाम बदला जा रहा हो तो ये ध्यान दिया जाता है कि भ्रम से बचने के लिये किसी अन्य स्टेशन या स्थान का नाम एक जैसा ना हो।
एक बार भारतीय रेलवे को मंजूरी मिलने के बाद ट्रेन मूवमेंट और ऑप्रेशंस (Train Movement And Operations) के मद्देनज़र नये स्टेशन का नाम बदल दिया जाता है। साथ ही स्टेशन के कोड को भी अपडेट कर दिया जाता है ताकि कोड और नया नाम टिकट और सूचना बोर्डों पर दिखाई दे।