नई दिल्ली (शौर्य यादव): आज विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस (Congress) पूरे प्रदेश में हर डिस्ट्रिक हैडक्वार्टर (District headquarters) पर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर राज्य कांग्रेस ने दिल्ली में आलाकमान को सूचित कर दिया है। जिसके लिए महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने अग्रिम तैयारियां शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवास पर बीती रात राजस्थान कैबिनेट (Rajasthan cabinet) की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि गहलोत खेमे के सभी विधायक खुले तौर पर अपनी-अपनी विधानसभा में विरोध-प्रदर्शन (Protest) की कमान संभालते हुए खुलेतौर पर सड़कों पर उतरेगें।
विधानसभा सदन (Assembly house) के अन्दर बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस की कोशिशों ने रफ्तार पकड़ ली है। जिसके लिए विशेष सत्र के आवाह्न से जुड़ी कवायदों पर मंथन किया जा रहा है। कांग्रेस अपनी प्रयासों से बहुमत साबित करके भाजपा और पायलट खेमे में करारा झटका देना चाहती है। जिसके चलते सीएम गहलोत ने राज्यपाल को नोट सौंपा है। इस नोट का संज्ञान लेने के लिए राज्यपाल (Governor) पूरी तरह से बाध्य है। साथ ही राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 174 द्वारा प्रदत्त संवैधानिक शक्तियों (Constitutional powers conferred by Article 174 of the Constitution) का इस्तेमाल करना होगा।
सीएम गहलोत की इस पैंतरेबाज़ी के बाद सचिन पायलट खेमे के विधायक खासा असमंजस में है। बीते हफ्तें के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (Assembly Speaker CP Joshi) ने सचिन पायलट के साथ 18 विधायकों को अयोग्य करारा दे दिया था। जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने स्टे ऑर्डर जारी कर दिया। साथ ही मामले में सचिन पायलट की उस अर्जी को भी मंजूरी दे दी। जिसमें केन्द्र सरकार को पक्षकार बनाने की बात कहीं गयी थी।
बीते शुक्रवार को राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस भाजपा पर हमलावर रही। सीएम अशोक गहलोत ने राजभवन का घेराव करने की चेतावनी राज्यपाल को दी। साथ ही राहुल गांधी ने विधानसभा सत्र बुलाने की बात कही। कांग्रेस का रवैया देखते हुए राज्यपाल कलराज मिश्रा (Governor Kalraj Mishra) ने नाराजगी जाहिर करते हुए, इसे संवैधानिक शुचिता (Constitutional sanctity) से परे बताया। बावजूद इसके कांग्रेस लगातार पर्दे के पीछे भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप गवर्नर पर लगा रही है।