न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): राजस्थान (Rajasthan) सरकार अस्थिरता मामले में सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे के विधायक अब टूट की कगार पर है। ताजा मामले में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने अपनी मांगों सहित दो विधायकों के समर्थन की चिट्ठी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को सौंपी है। इसी के आधार पर सीएम गहलोत ने राज्यपाल के सामने अपने संख्यबल से जुड़े कागज़ात पेश किये। मौजूदा कवायद से सचिन पायलट को करारा झटका लगना तय है। राजनीतिक समीकरणों के मुताबिक सचिन अब हर तरफ से घिर चुके है। भाजपा का दामन थामने में उन्हें कोई विशेष फायदा नहीं है। सूबे में तीसरा मोर्चा बनाकर वे दोनों पार्टियों के स्थापित वोटबैंक में कोई खास सेंध नहीं लगा सकते। कांग्रेस (Congress) में रहना उनके अहम के लिए गवारा नहीं होगा।
सचिन का सियासी घेराव करने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) से बातचीत करने की कवायद में तेजी ला दी है। ताकि विधानसभा का सत्र (Assembly session) बुलाया जा सके। राजनीतिक घमासान के बीच राज्यपाल लगातार संविधान विशेषज्ञों और वरिष्ठ वकीलों (Constitution experts and senior lawyers) के सम्पर्क में है। ताकि संवैधानिक सम्मत फैसला लेने में आसानी हो सके। राज्यपाल पर कार्यालय औपचारिक तौर पर स्थिति की समीक्षा करते हुए गृहमंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) को रिपोर्ट भेजने की तैयारी में लगा हुआ है।
सीएम अशोक गहलोत राज्यपाल सहित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी (Assembly Speaker Dr. CP Joshi) से चर्चा कर, उन्हें 102 विधायकों का समर्थन होने का हवाला दिया। और साथ ही जल्द जल्द राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की गुहार लगायी ताकि फ्लोर टेस्ट (Floor test) करवाया जा सके। अगर बहुमत साबित करने में अशोक गहलोत कायम होते है तो, इसके सीधे तौर पर दो संदेश होगें। पहला राजस्थान की राजनीति में अभी उनकी पकड़ बनी हुई है। दूसरा प्रदेश की जनता कांग्रेस के युवा चेहरे से ज़्यादा विश्वास पुराने खिलाड़ियों पर करती है। इसके साथ ही बहुमत परीक्षण (Majority test) के दौरान उन बागी विधायकों को लेकर भी स्थिति साफ हो जायेगी। जिनके बारे में अभी ये साफ नहीं है कि आखिर वो किस खेमे जाना चाहते है।
दूसरी ओर पायलट समर्थकों विधायकों (Pilot Supporters MLAs) पर भी भारी संकट मंडराता दिख रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने इन सभी की सदस्यता रद्द करने के नोटिस जारी कर दिये है। बागी विधायकों को नोटिस का ज़वाब मंगलवार तक सौंपना है। इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) में बागी विधायकों के खिलाफ दायर किये गये परिवाद में सोमवार को फैसला आ सकता है। अगर राजस्थान हाईकोर्ट इनकी सदस्यता खाऱिज नहीं करता तो विधानसभा अध्यक्ष इनकी विधायकी इनसे छीन सकते है।