न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): राजस्थान (Rajasthan) में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक (Congress Legislature Party meeting at Chief Minister’s residence) समाप्त हो चुकी है। सीएम अशोक गहलोत के मीडिया सलाहकार (Media Advisor to CM Ashok Gehlot) ने मीडिया के सामने जानकारी साझा करते हुए कहा कि- समाप्त हुई बैठक में 107 कांग्रेसी विधायक शामिल थे। हालांकि कांग्रेसी विधायक दल की इस बैठक में सचिन पायलट खेमे के विधायक विधायक जी आर खटाना, हरीश मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, वेद प्रकाश, मुकेश भाकर और रामनिवास गवरिया नदारद रहे।
राजस्थान कांग्रेस पार्टी पहले ही ये दावा कर चुकी है कि, मौजूदा सरकार के पास 109 विधायकों का संख्यबल है। जिससे सचिन पायलट के दावे खाऱिज हो जाते है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे (Rajasthan Congress Incharge Avinash Pandey) काफी पहले ही व्हिप जारी करके बैठक में गैर हाज़िर रहने वालों विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कह चुके है। मौजूदा घटनाक्रम की शुरुआत से लेकर अब तक कांग्रेसी आलाकमान और शीर्ष नेता (Congress high command and top leader) लगातार सचिन पायलट को मनाने की जुगत में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मौजूदा रवैया को देखते हुए लगता है कि, राजस्थान सरकार पर अल्पमत जैसा कोई राजनीतिक संकट नहीं है।
दूसरी ओर राजस्थान प्रदेश भाजपा अशोक गहलोत सरकार का शक्ति परीक्षण (Floor test) कराने की मांग पर अड़ी हुई हैं। मुद्दे पर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय (BJP IT cell chief Amit Malviya) ने टिप्पणी करते हुए कहा, अगर प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों को रिजॉर्ट में क्यों ले जा रहे हैं? सीधे बहुमत साबित क्यों नहीं करते हैं?
फिलहाल हालात सचिन पायलट खेमे के विधायकों के लिए गंभीर बनते दिख रहे हैं। आशंका ये भी जताई जा रही है कि, प्रदेश कांग्रेस या फिर आलाकमान की ओर से जवाब तलब करने के लिए विधायकों को बुलाया जा सकता है। इस बात की पुष्टि राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के बयान से हो जाता है। जिसमें उन्होनें कहा कि- सचिन पायलट से कई बार संपर्क बनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उनका पक्ष सुनने के लिए पार्टी तैयार है, लेकिन ये साफ करना चाहूंगा कि, कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक के बाद मामला सुलझने की ओर बढ़ रहा है, फिलहाल घटनाक्रम पर विराम लगने की संभावना बनती नजर आ रही है।