न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): राजस्थान का सियासी गणित पल-पल अपने समीकरण बदल रहा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सूबे में अपना जमा-घटा लगाने की जद्दोजहद में दिख रही है। हाल में ही पूरे प्रकरण के दौरान तीन अहम घटनायें घटी। बीजेपी ने महेश जोशी और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Congress national spokesperson Randeep Singh Surjewala) के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया। दूसरी ओर सचिन पायलट के समर्थक कुल 30 विधायकों में से 5 विधायकों ने सचिन का साथ छोड़ दिया है। ऐसे में उनके पास सिर्फ 25 विधायकों का समर्थन बाकी रह गया है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (BJP national spokesperson Sambit Patra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, पूरे मामले को कांग्रेस का सियासी ड्रामा बताया।
जैसे ही विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा ऑडियो क्लिप सामने आया। प्रदेश की सियासत में भूचाल मच गया। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज (State BJP spokesperson Laxmikant Bhardwaj) ने मामले पर पुलिस में तहरीर दायर की। उन्होनें कांग्रेस पर भाजपा नेताओं पर गलत आरोप लगाने, मानहानि सहित अन्य दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। उनके द्वारा दी गयी शिकायत की मुताबिक रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Pradesh Congress President Govind Singh Dotasara) और महेश जोशी साज़िशन भाजपा पर आरोप लगा रहे है, ताकि प्रदेश सरकार में चल रही गतिविधियों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जा सके। साथ ही उन्होनें लीक हुए ऑडियो टेप को फर्जी करार दिया।
गौरतलब है कि लीक टेप मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑप्रेशन ग्रुप (Special operation group) ने कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Cabinet Minister Gajendra Singh Shekhawat), कांग्रेस के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा और भाजपा नेता संजय जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया कि, ऑडियो क्लिप में जिस आव़ाज का हवाला दिया जा रहा है। वो उनकी है ही नहीं। पुलिसिया सूत्रों के मुताबिक इन तीनों पर IPC 124-A और 120(B) के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीन ऑडियो क्लिप गुरूवार देर रात सीएम गहलोत के मीडिया ओएसडी ने जारी की थी।
इस पूरे मामले पर भाजपा की ओर ज़वाबी हमला करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया के सामने कहा- राजस्थान में झूठ, षड्यन्त्र और अविश्वास की बुनियाद पर राजनीतिक ड्रामा (Political drama) खेला जा रहा है। प्रदेश में नयी सरकार के गठन साल 2018 से अब तक मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। दोनों के बीच तब से लेकर अब तक सही ढंग से संवाद के हालत कायम नहीं हो पाये है। संबित पात्रा ने फोन टैपिंग को गलत और असंवैधानिक करार दिया। साथ ही उन्होनें सीबीआई जांच (CBI investigation) की भी मांग की।
सचिन पायलट को राजनीतिक अज्ञातवास में भेजने के लिए अशोक गहलोत खेमे ने पूरी तैयारी कर ली है। अब इन तैयारियों का असर पायलट खेमे के विधायकों पर पड़ने लगा है। प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariwas), दानिश अबरार, चेतन डूडी, रोहित बोहरा और प्रशांत बैरवा (Prashant Bairava) ने सचिन पायलट का साथ छोड़कर अशोक गहलोत खेमे की ओर रूख़ कर लिया है। अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में कांग्रेस की अलग-अलग इकाइयों और प्रकोष्ठों से सचिन पायलट समर्थक पदाधिकारियों को बाहर निकालने का सिलसिला शुरू चुका है। कुल मिलाकर अशोक गहलोत खेमा सचिन पायलट पर भारी पड़ता नज़र आ रहा है।
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