Rajasthan Politics Update: CM Ashok Gehlot ने राज्यपाल को दी चेतावनी, कहा- हम जिम्मेदार नहीं होगें

नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के फैसले के बाद सूबे में राजनैतिक हलचल काफी तेज हो गई है। हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात कर विधानसभा सत्र (Assembly session) बुलाने की बात उनसे कही। सत्र बुलाने के मसले पर राज्यपाल की ओर से हो रही देरी को देखते हुए कांग्रेसी विधायक राजभवन के लॉन में धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान सीएम अशोक ने राज्यपाल पर दबाव में रहते हुए काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेसी विधायकों के विरोध ने तेज नारेबाज़ी और धरने की रूप अख़्तियार कर लिया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा- अगर मौजूदा हालातों को देखते हुए प्रदेश की आम जनता राजभवन का घेराव करेगी तो, इसके लिए हम ज़वाबदेह नहीं होगें। विधायक रघु शर्मा (MLA Raghu Sharma) ने दावा किया कि, अगर राज्यपाल कोरोना संक्रमण के कारण विधानसभा सत्र का आवाह्न नहीं कर रहे है, उन्हें आश्वास्त करने के लिए सभी विधायक इंफेक्शन टेस्ट (Infection test) कराने के लिए तैयार है।

सीएम गहलोत ने आगामी सोमवार को विधानसभा भवन में शक्ति परीक्षण कराने की मांग सामने रखी। दूसरी ओर सचिन पायलट खेमे के विधायक मुरारी लाल मीणा (Murari Lal Meena, MLA of Sachin Pilot camp) ने बयान जारी करते हुए कहा- फिलहाल हम दिल्ली में है। सीएम गहलोत जो दावा कर रहे है कि हमें भाजपा ने बंधक बना रखा है, वो पूरी तरह बेबुनियाद है। हम उनके सम्पर्क में कभी रहे ही नहीं। लेकिन जिस तरह से वो एसओजी (SOG) का इस्तेमाल कर रहे है, उससे हमारे परिवार वाले खौफजदा है।

गहलोत समेत उनके खेमे के सभी विधायक भाजपा को लेकर काफी मुखर होने लगे है। इस खेमे का मानना है कि केन्द्र में बैठी भाजपा आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, और सीबीआई (Income Tax, Enforcement Directorate, and CBI) का इस्तेमाल कर विधायकों पर दबाव बना रही है। राजभवन में चल रहे धरने और नारेबाज़ी को लेकर राजस्थान भाजपा नेता जीसी कटारिया (Rajasthan BJP leader GC Kataria) ने कहा- जिस अन्दाज़ में सीएम अशोक गहलोत की अगुवाई में राज्यपाल आवास पर नारे लगाकर शोर-शराबा मचाया जा रहा है, मुझे लगता है कि कोई भी सीएम ऐसी निंदनीय हरकत नहीं करते होगें। संवैधानिक विशेषज्ञों (Constitutional experts) और कानूनी जानकारों को इस मसले पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री राजभवन के घेराव की बात कर रहे है।

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