नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण को लेकर तैयारियों के साथ विवाद भी जोर-शोर से चल रहा है। हाल ही में संत समाज के एक धड़े ने 5 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम के मुहूर्त को लेकर सवालिया निशान लगाये। उसके बाद कार्यक्रम के लाइव प्रसारण को लेकर सियासी बवाल मचा। अब ताजा विवाद मुस्लिम राम भक्त (Muslim devotee of Lord Ram) को लेकर हो रहा है। फैज खान (Faiz Khan) रायपुर के चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर (Soil of Kaushalya Mata Temple of Chandkuri, Raipur) की मिट्टी लेकर बीती 23 जुलाई को अयोध्या की ओर रवाना हुए है। ताकि भूमि-पूजन कार्यक्रम में मृत्तिका दान कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके। इस मुद्दे को लेकर वाराणसी के श्री विद्यामठ में शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya’s representative in Sri Vidyamath, Swakami Avimuktiswarananda Saraswati) ने कड़ी आपत्ति जतायी है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मुताबिक-किसी मुस्लिम के हाथ की मिट्टी राम जन्मभूमि के पूजन में सम्मिलित नहीं की जानी चाहिए। राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लंबे संघर्ष और एकजुटता के बाद ही संभव हो पाया है। यदि हमारे बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो रामालय ट्रस्ट (Ramalaya Trust) न्यायालय की शरण लेगा। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) बनाने में केन्द्र सरकार ने काफी भेदभाव बरता है।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की आपत्तियों पर ज़वाब देते हुए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय (Sampat Rai, General Secretary of Sri Ramjanmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) ने कहा- माटी मां है। किसी मुस्लिम के स्पर्शमात्र से अपवित्र नहीं हो जाती है। हर आम नागरिक अपनी आस्था और सार्म्थयानुसार मंदिर निर्माण में दे योगदान रहा है। मुस्लिम राम भक्तों की मिट्टी अत्यन्त पवित्र है। हालांकि मिट्टी से मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है। ऐसे में ये आपत्ति आधारहीन और निरर्थक है। ये आपत्ति झगड़ालू मानसिकता (Quarrelsome mentality) की परिचायक है। जिस मिट्टी पर हम चलते हैं, उसी मिट्टी पर मुस्लिम भी चलते हैं, ऐसे में क्या वो मिट्टी अपवित्र हो जाएगी। या फिर हम अपवित्र मिट्टी पर चल रहे हैं?
दूसरी ओर अयोध्या जिला प्रशासन, यूपी पुलिस सहित दूरदर्शन ने भी 5 अगस्त के कार्यक्रम के लिए कमर कस ली है। रामजन्म भूमि के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी तकरीबन 1 घंटे तक सीधे प्रसारण के माध्यम से पूरे देश को संबोधित करेगें। साथ ही अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर विशाल एलईडी स्क्रीन्स (Giant LED screens) और लाउडस्पीकर की व्यवस्था की जा रही है। ताकि आम जनता इस भव्य कार्यक्रम को देख और सुन सके। भूमि पूजन के बाद सरयू घाट पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा। पीएम मोदी के स्वागत के लिए शहर के मुख्य स्थानों पर बड़े-बड़े तोरणद्वार (Big archway) सजाये जायेगें।