न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): बिहार पुलिस ने रामनवमी जुलूस हिंसा (Ram Navami Riots) के असली ‘मास्टरमाइंड’ को गिरफ्तार कर लिया, इस घटना ने बिहारशरीफ (Biharsharif) समेत राज्य के कई हिस्सों को हिलाकर रख दिया था। राज्य पुलिस कह रही है कि बिहारशरीफ हिंसा ‘सोची-समझी’ साजिश थी। बिहार पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि बिहारशरीफ इलाके में रामनवमी समारोह पर हिंसा, जिसमें लूटपाट और पथराव भी शामिल थे, ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये सोची समझे तरीके से प्लान की गयी थी।
पुलिस ने आगे कहा कि हिंसक झड़पों के कुछ दिनों बाद कुंदन कुमार (Kundan Kumar) नाम के बजरंग दल (Bajrang Dal) के पदाधिकारी ने सोशल मीडिया के जरिये हिंसा की साजिश रची और व्हाट्सएप पर हिंसा फैलाने वाले संदेशों को तेजी से फैलाया। अब कुंदन कुमार ने बिहार पुलिस (Bihar Police) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गवार (ADG Jitendra Singh Gawar) ने मीडिया को बताया कि, ‘बजरंग दल के संयोजक कुंदन कुमार ने सोशल मीडिया पर ये साज़िश रची, वो इस हिंसा का मास्टरमाइंड था, जिसने अब आत्मसमर्पण कर दिया है। इसके अलावा मामले को लेकर बिहारशरीफ में कुल 15 एफआईआर की, जिसमें अब तक कुल 140 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
पुलिस के बयान के मुताबिक कुंदन कुमार ने व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये रामनवमी के दौरान बिहारशरीफ इलाके में हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। व्हाट्सएप ग्रुप में 457 लोग थे और इसमें त्योहार के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काने की साजिश गयी थी।
एडीजी ने आगे कहा कि, ”व्हाट्सएप ग्रुप में रामनवमी को लेकर मैसेज के जरिये साजिश रची जा रही थी। इसके लिये अलग से प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसकी जांच आर्थिक ऑफेंस रिसर्च टीम की ओर से की जा रही है।”
पुलिस ने आगे खुलासा किया कि हिंसा के मामले में 5 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये पांच आरोपियों की शिनाख्त मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा और निरंजन पांडे के तौर पर हुई है।
बिहार में रामनवमी की हिंसा में अराजकता के कई दौर देखे गये। दंगों और हिंसा नालंदा और सासाराम (Nalanda and Sasaram) जैसे राज्य के कुछ हिस्सों में दो दिनों तक चली। हिंसा में एक शख्स की मौत हो गयी, कई लोग घायल हो गये और दर्जनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।