न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): लंपी (Lumpy Disease) के प्रकोप से गुजरात (Gujarat) के 33 में से 17 जिलों में 1,200 से ज़्यादा मवेशी मारे गये हैं। सीएम भूपेंद्र पटेल (CM Bhupendra Patel) ने राज्य के जामनगर जिले (Jamnagar District) का दौरा किया, जो कि सूबे के सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में से एक है।
मामले पर गुजरात के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) के सचिव ने हालांकि दावा किया कि सिर्फ 1 फीसदी मवेशी ही इस बीमारी से प्रभावित हैं। राजस्थान (Rajasthan) में भी ये बीमारी तेजी से फैली जिससे सैकड़ों मवेशियों की मौत हो गयी।
बता दे कि Capripoxvirus लंपी त्वचा रोग की असल वज़ह है। ये गोटपॉक्स और शीपपॉक्स (Gotpox and Sheeppox) वायरस की तरह है। ये वायरल रोग है जो मवेशियों के खून पर पलने वाले कीड़ों से फैलता है। इन कीड़ों में मक्खियाँ, मच्छर और टिक खासतौर पर शामिल हैं।
लंपी रोग लक्षणों में बुखार, आंखों और नाक से खून बहना, ज़्यादा लार गिरना, मवेशियों के शरीर पर छाले-गहरे सुर्ख चकत्ते पड़ना और दूध देने में कमी खासतौर से शामिल हैं। इस रोग मवेशियों को खाने में भी खासा दिक्कत होती है।
इस वायरस का जल्द पता लगने से इसको फैलने से कुछ हद तक रोकने में मदद मिलती है। प्रभावित मवेशियों को तुरन्त अलग-थलग कर देना चाहिये। सेहतमंद मवेशियों को रोग से बचाव के लिये टीका लगाया जाना चाहिये। जिस इलाके में प्रभावित मवेशियों को रखा गया हो उसे ठीक से कीटाणुरहित किया जाना चाहिये।
मृत मवेशियों को हाई टेंपरेचर पर जला देना चाहिये। ये रोग मवेशियों और भैंसों को खासा प्रभावित करता है लेकिन अन्य पशुओं को नहीं। ये वायरस इंसानों पर अपना असर नहीं दिखाता है।