Kisan Mahapanchayat में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा आमने सामने, गेट पर डटे रहे रामनिवास यादव

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Kisan Mahapanchayat: आज लखनऊ के इको गार्डेन बंगला बाजार में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के अध्यक्ष रामनिवास यादव की अगुवाई में पांच हजार से ज़्यादा किसानों ने किसान पंचायत में हिस्सा लिया। इस दौरान राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के प्रदेश भर के पदाधिकारियों और किसानों ने जुलूस निकालकर संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन और राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा के कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे जहां संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के आक्रोश देखते हुए तुरन्त गेट अन्दर से बन्द कर लिया।

इसके बाद राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के कार्यकर्ता मुख्य गेट पर ही प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे। जिससे वहां पर विवाद बढ़ने लगा। पर जिला प्रशासन ने रामनिवास यादव (Ram Niwas Yadav) को आश्वासन देते हुए आग्रह किया कि, वो अपनी बात शांतिपूर्ण ढंग से मौके पर रखे और स्थानीय प्रशासन उनकी बातों और मांगों को पहुँचा देगें। ऐसे में उन्होनें मौके पर अपना संबोधन जारी किया।

उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन (Rashtriya Annadata Union) के आह्वान पर प्रदेश भर के किसान हितैषी तीनों कृषि बिल के समर्थन में किसान एकजुट हुए। लेकिन जिस प्रकार इन कथित किसान नेताओं द्वारा प्रशासन के सामने अपनी मनमानी करते हुए सभी गेट बन्द कर लिये इससे प्रदेश भर से आये किसान काफी गुस्से में है क्योकि वो अपनी बात नही रख पाये और राम निवास यादव ने पंचायत में किसान हितैषी तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि राष्ट्र और किसानों का भला चाहने वाले देश के प्रधानमंत्री जी ने कुछ कथित किसान नेताओं की बयान-बाजी से आह्त होकर तीनों कृषि बिल वापसी का फैसला किया है, जो छोटे किसान भाइयों के हित में नहीं है।

पीएम मोदी के बयानों पर टिप्पणी करते हुए अन्नदाता यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि- जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने सच्चे मन से किसानों के हितों को देखते हुए तीनो कृषि कानूनों को लागू किया था। उससे किसानों की आय में दुगुनी होती क्योंकि इन किसान हितैषी तीनों कृषि बिलो को लागू करने की मांग लम्बे समय से किसान करते चले आ रहे थे तथा किसानों को बिचौलियो (Middlemen) से मुक्त करने की मांग को लेकर किसानों के मसीहा स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत ने काफी संघर्ष किया था। अगर आज वो जिन्दा होते तो उनको अपने बेटो के कृत्य से काफी दुख पहुँचता।

भारतीय किसान यूनियन की कार्यशैली और उनके पदाधिकारियों के रवैया पर तीखा हमला करते हुए रामनिवास यादव ने कहा कि- राकेश टिकैत और नरेश टिकैत छोटे किसानों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जबकि हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक और कृषि शोध कर्ताओं की सलाह के बाद ही मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून लागू किये थे लेकिन बदकिस्मती से देश के कुछ किसान नेता बिचौलियों से मिली भगत और कुछ राजनैतिक दलों खासकर वो दल जिन्होंने कभी किसानो का हित नहीं चाहा उनके साथ मिलकर तीनों कृषि बिलो के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार कर दिया कि किसान हितैषी बिल को ही गलत ठहरा दिया गया। देश के लघु एवं कुछ सीमांत किसान (Marginal farmer) भाइयों को बहला-फुसलाकर कर किसान हितैषी तीनो कृषि बिलो को ही किसानों के खिलाफ बताकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाया गया। ऐसे लोगों को देश का अन्नदाता कभी माफ नही करेगा।

मौके पर मौजूद राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के कई पदाधिकारियों ने एकसुर में प्रधानमंत्री मोदी से गुज़ारिश करते हुए कहा कि तीनों कृषि बिलों पर पुनः विचार कर लागू किया जाये। जिससे देश के किसानों का भला हो सके और बिचौलियों का सफाया हो सके। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किया जा रहा आन्दोलन पूरी तरह अराजक है। इसे तत्काल रोका जाये क्योंकि इनके आन्दोलन से छोटे और बड़ी जोत वाले किसानों के बीच संघर्ष होने की संभावना है। जिससे देश में अराजकता बढ़ेगी। इसलिये राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन प्रधानमंत्री जी से मांग करती है कि कथित किसान आन्दोलन कर रहे किसान नेताओं की जाँच कर गिरफ्तार किया जाये।

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