बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि वो मौजूदा वक़्त में धोखाधड़ी रजिस्ट्री बनाने की प्रक्रिया में लगा हुआ है। जिसमें बैंकों और उपभोक्ताओं (Banks And Consumers) को लगातार धोखा देने वाले धोखेबाजों की संपर्क जानकारी और आईपी पते शामिल होंगे।
मामले पर आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार शर्मा (RBI Executive Director Anil Kumar Sharma) ने कहा कि- “भविष्य में हमारे पास सभी धोखेबाजों की एक रजिस्ट्री होगी। हम फिलहाल इस पर काम कर रहे हैं और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सभी एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हमारा विचार आईपी पते, संपर्क नंबर, स्थान जैसी जानकारियों से धोखेबाजों की पहचान करना है। ।
शर्मा ने आगे कहा कि धोखाधड़ी रजिस्ट्री के बनाने की कोई विशेष समय सीमा तय नहीं है। इस प्रक्रिया में सुधार के लिये आरबीआई लगातार आंतरिक बैठकें कर रहा है, ये बैठकें खासतौर से सुपरविज़न, पेमेंट और निपटान विभागों के साथ की जा रही है।
इस बीच एकीकृत लोकपाल योजना (Integrated Ombudsman Scheme) जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले साल पेश किया था, ने देखा कि आरबीआई को हाल के वित्तीय वर्ष में 4 लाख से ज़्यादा ग्राहक शिकायतें मिलीं, जो कि 2020-21 के वित्तीय वर्ष से लगभग 9 फीसदी ज़्यादा है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक एटीएम/डेबिट कार्ड, मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड (Mobile-Electronic Banking And Credit Cards) की समस्याओं से जुड़ी शिकायतें लगभग 39 फीसदी है, जबकि बैंक लोन (Bank Loan) और अग्रिम की समस्याओं ने शिकायतों का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा तैयार किया जो कि 28 फीसदी है।
अब ग्राहकों के पास अपनी समस्याओं को ठीक करने के लिये मौजूदा नियमों के तहत 30 दिन का समय है। अगर ग्राहक इन समस्याओं की शिकायत करने में नाकाम रहता है तो ग्राहकों के पास आरबीआई के एकीकृत लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने का विकल्प होगा।