बिजनेस डेस्क (राजकुमार): मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भविष्यवाणी कि है कि लगातार उच्च मुद्रास्फीति और जिस रफ्तार से अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंक दरें बढ़ा रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI- Reserve Bank of India) अपनी आगामी नीति समीक्षा में ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट का इज़ाफा करेगा। मॉर्गन स्टेनली में भारत की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना चाचरा (Economist Upasana Chachara) ने कहा कि, “हम पहले 35 बीपीएस बढ़ोत्तरी की उम्मीद कर रहे थे, हालांकि स्टिकी इंफ्लेशन (Sticky Inflation) और विकसित बाजार केंद्रीय बैंकों को लगातार कड़े कदम उठाने के लिये मज़बूर कर रहे है। इसलिये रेट बढ़ोत्तरी के लगातार जारी रहने की संभावना है।
भारतीय केंद्रीय बैंक ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति का मुकाबला करने और मध्यम अवधि के विकास को सुरक्षित रखने के लिये मौद्रिक नीति (Monetary Policy) को आगे बढ़ाना जरूरी होगा। जनवरी के बाद से भारत की मुद्रास्फीति दर भारतीय रिजर्व बैंक के 6% इंटोलरेट लेवल से ज़्यादा हो गयी। वैश्विक स्तर पर कमोडिटी (Commodity) की कीमतों में बदलाव की अनिश्चितता और एक्सचेंज रेट (Exchange Rate) कमजोर होने पर आयातित मुद्रास्फीति (Imported Inflation) की संभावना के कारण चाचरा ने कहा कि मुद्रास्फीति के नजरिये से आर्थिक का लगातार ऊपरी झुकाव बना हुआ है।
मॉर्गन स्टेनली ने 30 सितंबर को आरबीआई के फैसले के लिये अपने रेट प्रोजेक्शन को बदलने के बावजूद अपने टर्मिनल रेट आउटलुक को 6.50% पर बनाए रखा, लेकिन ये भी माना कि जोखिम में इज़ाफे की संभावनाओं से सीधा इंकार नहीं किया जा सकता है। चाचरा ने आगे कहा कि, “बाहरी माहौल काफी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है … मजबूत डॉलर और डीएम (विकासशील बाज़ार) केंद्रीय बैंकों की निरंतर प्रतिक्रिया के साथ बने हुए है।”
बता दे कि लगातार तीसरी बार अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने इस हफ़्ते ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट के इजाफे की उम्मीद है। ये दूर की संभावना है कि इसे 100 बीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय सेंट्रल बैंक (European Central Bank) ने और ज़्यादा सख्त रूख़ अपनाया, जिसके तहत ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया। डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) फिलहाल 110 के आस-पास मँडरा रहा है, जो कि 20 साल का उच्च स्तर है।