बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज घोषित अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो और रिवर्स रेपो दरों (Reverse Repo Rate) समेत प्रमुख नीतिगत दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया। ये फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की द्विमासिक नीति समीक्षा बैठक में लिया गया।
ये बैठक से 7 फरवरी से 9 फरवरी, 2022 के बीच हुई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते मंगलवार (8 फरवरी 222) को वित्तीय वर्ष 2023 के लिये देश के आर्थिक विकास 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया। इसके साथ ही आरबीआई ने वित्तीय वर्ष में 23 CPI मुद्रास्फीति (Inflation) 4.5% पर रहने का अनुमान लगाया है।
RBI की द्विमासिक नीति समीक्षा बैठक के अहम बिंदु
- एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर (Policy Repo Rate) को 4 प्रतिशत पर ने बदलने के लिये सर्वसम्मति से वोट किया।
- एमएसएफ दर और बैंक दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया। रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिये वास्तविक जीडीपी वृद्धि (Real GDP Growth) 7.8% अनुमानित है: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।
- सकल घरेलू उत्पाद पहली तिमाही के लिये 7.2%, दूसरी तिमाही के लिये 7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिये 4.3 फीसदी और चौथी तिमाही के लिये 4.5 प्रतिशत अनुमानित है।
- आरबीआई द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिये सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2022-23 के लिये 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
- शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2023 में CPI के मद्देनज़र पहली तिमाही के लिये 4.9%, दूसरी तिमाही के लिये 5 फीसदी, तीसरी तिमाही के लिये 4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगाया है।
- अलग-अलग अवधियों के रेपो रेट का संचालन अब से जब जरूरी हो, इन्हें लागू किया जायेगा।
- रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट से जुड़े वेरियेबल्स 14 दिनों के दौरान मुख्य चलनिधि प्रबंधन उपकरण (Key Liquidity Management Tools) के तौर पर इस्तेमाल किया जायेगा।
- इन ऑपरेशनों को फाइन टर्निंग ऑपरेशंस के जरिये मदद दी जायेगी।
- 1 मार्च से फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा सभी दिन शाम 5:30-11:59 बजे से उपलब्ध होगी।
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ई-रुपये प्रीपेड डिजिटल वाउचर के तहत कैपिंग बढ़ा दी है।
- 10,000 रुपये की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर किया जायेगा और इसे एक से ज़्यादा बार इस्तेमाल किया जा सकेगा।