न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): नियामकों के उल्लंघन के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) पर बड़ी कार्रवाई की। जिसकी वज़ह से LVB बैंक के ग्राहकों पर अब कई वित्तीय बाध्यतायें (Financial obligations) लगा दी गयी है। जिसके तहत बड़ी नकदी जमा करने और 25 हज़ार रूपये से ज्यादा धन जमा करवाने पर आरबीआई मंजरी जरूरी होगी। अब कुछ इसी तरह की कवायद आरबीआई ने महाराष्ट्र के मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भी लागू कर दी है। जिसके लिए केन्द्रीय बैंक की ओर से बीते मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक महाराष्ट्र के जालना जिला में संचालित हो रहे, मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को कुछ दिशा-निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से जारी किये गये थे। जिसके मुताबिक ये बैंक के बंद होने (17 नवंबर 2020) के बाद से ये नियम-कायदे आगामी छह महीने तक लागू रहेगें। इन नियमों के अनुसार रिजर्व बैंक की लिखित पूर्व अनुमति (Written prior permission) के बिना बैंक अगले छह महीने तक लोन, कर्ज और नकदी लेन-देन नहीं कर सकेगा। साथ ही किसी तरह के निवेश और पुराने कर्जों का रिन्यूवल भी नहीं कर सकेगा। भुगतान समझौता (Payment Agreement) और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा एक्सचेंज सहित सभी तरह की वित्तीय गतिविधियों पर रोक लगेगी।
आरबीआई का ये फरमान मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के सेविंग और करेंट अकाउंट खाता धारकों पर सीधा असर डालेगा। केंद्रीय बैंक का कहना है कि, जब तक कि बैंक की वित्तीय स्थितियां स्थिर नहीं होती तब-तक बैकिंग व्यवस्था का सामान्य परिचालन बाधित रहेगा। बैंक के हालातों का मूल्यांकन करते हुए आरबीआई इसके सामान्य परिचालन की दुबारा अनुमति दे सकता है। बेंगलुरु के सुश्रुति सौहार्दा सहकार बैंक नियमिता (Sushruti Sauhda Sahakar Bank) पर भी केन्द्रीय बैंक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नियामक नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 20 लाख रूपये का जुर्माना लगाया। कुछ इसी तरह की दंडनीय कार्रवाई कर्नाटक के विजयपुरा स्थित डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Deccan Urban Co-Operative Bank) पर भी हुई। बैंक पर आरबीआई ने 1 लाख रूपये का जुर्माना लगाया। आरबीआई ने ये साफ किया कि, इस कवायद को सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द करने से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।