न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद (Greater Noida and Faridabad) के मंझावली-जसाना गांव (Manjhawali-Jasana Village) के बीच की दूरी महज कुछ किलोमीटर है। इतनी कम दूरी को तय करने में महज 20-25 मिनट का समय लगेगा। इस खास मकसद के लिये पुल भी बनाया गया है। हालांकि नोएडा की तरफ एप्रोच रोड नहीं होने की वज़ह से इसका इस्तेमाल इस समस्या को खत्म करने के लिये नहीं किया जा सकता। यमुना नदी ही दोनों राज्यों को बांटती है। फरीदाबाद से नोएडा और ग्रेटर नोएडा आने वालों को कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) या ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (Eastern Peripheral Expressway) लेने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इस वज़ह से समय और ईंधन की खासा बर्बादी होती हैं। पुल को इस समस्या को खत्म करना चाहिए था। ये फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे को भी पूरी तरह से जोड़ता है। हालांकि इस समस्या इस मुद्दे के हल में देरी हो रही है।
ग्रेटर नोएडा-फरीदाबाद ब्रिज चार लेन का है। ये 630 मीटर लंबा है। इसे बनाने में चार साल लगे। इसके पूरा होने के बाद ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद के बीच की दूरी कम होकर 20-25 मिनट कम हो जायेगी। ये पुल फरीदाबाद को एनएच 19 से जोड़ेगा। ये पुल अब फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने का अहम जरिया बनेगा। इसे बाद में यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) से भी जोड़ा जायेगा।
इस परियोजना के तहत 24 किलोमीटर सड़क बनाने की योजना थी। पुल 2018 में बनकर तैयार हुआ था। छह बार समय सीमा तय करने के बाद भी अधिकारी काम पूरा करने से चूक गये। यूपी में एप्रोच रोड 4 किमी लंबी होगी, बाकी 20 किलोमीटर फरीदाबाद में बनाया जायेगा।
फरीदाबाद की तरफ काम शुरू हो गया है। एप्रोच रोड के बिना पुल तक नहीं पहुंचा जा सकता है। आम तौर पर फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा के बीच सफर करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं। लेकिन पुल बनने के बाद ये दूरी घटकर 25 मिनट रह जायेगी। इससे फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल, मथुरा और आगरा (Mathura and Agra) जाने वाले लोगों को खासा मदद मिलेगी। एप्रोच रोड कब बनेगा इस बारे में यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिये है।