ऑटोमोबाइल डेस्क (राम अजोर): बढ़ती तादाद में लोग पेट्रोल या डीजल वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles-EV) की खरीद करना पसंद कर रहे है, जो ट्रैडिशनल फ्यूल (Traditional Fuel) से चलने वाले व्हीकल्स के मुकाबले ज़्यादा एफेशियंट भी है। इसके अलावा पेट्रोल और अन्य ईंधन की कीमतों में आये इज़ाफे के कारण उन ग्राहकों की तादाद में भी इज़ाफा हुआ है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में अपनी गड़ियों का बदलना चाहते है। देश में इलेक्ट्रिक वाहन न सिर्फ लागत दामों पर मिलते है, बल्कि उनके वित्तीय लाभ भी हैं।
पर्सनल इस्तेमाल के लिये इलेक्ट्रिक कार को आयकर नियमों के तहत स्टेटस सिंबल/लक्जरी आइटम के तौर पर क्लासीफाइड किया गया है, इसलिये प्लान्ड प्रोफेशनल्स को ऑटोमोबाइल लोन पर अतिरिक्त कर लाभ नहीं मिलता है। दूसरी ओर ईवी मालिक हाल ही में जोड़े गयी धारा 80EEB से टैक्स रिबेट (Tax Rebate) का फायदा उठा सकते है।
जो शख़्स लोन पर ईवी खरीदते हैं, वे इस प्रावधान के तहत बाकी रकम पर लगने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट हासिल कर सकेगें। बाजार में बहुत सारे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मॉडल हैं, और बढ़ी हुई सेल्स के साथ कुछ वाहन निर्माता नये मॉडल पेश करने की प्लानिंग भी बना रहे हैं।
ये टैक्स छूट कार और 2-व्हीलर EV दोनों खरीद पर लागू होगी। धारा 80EEB कुछ शर्तों को भी जोड़ा गया है। लाभार्थी इस छूट का फायदा सिर्फ एक ही बार उठा सकते है। ध्यान रहे जिन लोगों ने ईवी पर पहले टैक्स छूट हासिल की है, उन्हें ये दुबारा नहीं मिलेगी। साथ ही लोग जिन्होंने पहले कभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स नहीं खरीदा हो उन्हें ही धारा 80EEB के तहत लोन के ब्याज पर सीधी रियायत मिलेगी।
किसी वित्तीय संस्थान या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company -NBFC) के लोन का इस्तेमाल EV के वित्तपोषण (Financing) के लिये किया जा सकता है। फिलहाल ये टैक्स कटौती ईवी से जुड़े व्यवसायों के लिए उपलब्ध नहीं है। इस टैक्स रिबेट का फायदा सिर्फ एक बार में एक शख़्स ही उठा सकता है।
1 अप्रैल 2019 और 31 मार्च, 2023 के बीच ईवी खरीद के लिये मंजूर किये गये किसी भी लोन की अदायगी (Loan Repayment) इस प्रावधान के तहत टैक्स में राहत हासिल कर सकेगी। वित्तीय वर्ष 2020-2021 से धारा 80EEB के तहत टैक्स प्रोत्साहन (Tax Incentive) केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन खरीद न सिर्फ आपको आयकर (Income tax) पर पैसे की बचत देगा बल्कि ये आपको जीएसटी (GST) पर भी पैसे बचायेगा, क्योंकि सरकार ने इस पर लगने वाले टैक्स की रकम को 12 फीसदी से घटाकर 5% कर दिया है।