न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): जम्मू-कश्मीर सरकार ने बीते सोमवार (13 जून 2022) को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के तीर्थयात्रियों के लिये अधिसूचना जारी की और कहा कि अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वेच्छा से आधार प्रमाणीकरण (Aadhar Authentication) पेश करना होगा। मामले पर राज्य प्रशासन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि, “अमरनाथ यात्रा करने के इच्छुक तीर्थयात्रियों को आधार होने का सबूत देना होगा या फिर स्वैच्छिक आधार ऑथेंटिकेशन से गुजरना होगा।”
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Jammu and Kashmir Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने बीते गुरूवार (9 जून 2022) को अमरनाथ यात्रा की सलाना तीर्थयात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।
सामने आये आधिकारिक बयान के मुताबिक “यात्रा को सुरक्षित और तीर्थयात्रियों के लिये ज़्यादा सुविधाजनक बनाने के लिये ज़्यादा से ज़्यादा टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना सुनिश्चित किया गया है। सभी काम निर्धारित समय के भीतर पूरे हो, इसके लिये अधिकारी लगातार काम करहे है। सभी वरिष्ठ अधिकारी अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा, विश्व स्तरीय व्यवस्था, परिवहन, आवास, स्वच्छता, बिजली, पानी, संचार, स्वास्थ्य, सुविधा की दुकानों, फूड कोर्ट, वेंडिंग जोन आदि का समय-समय पर निरीक्षण कर रहे है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह (Director General Dilbag Singh) ने बीते बुधवार (8 जून 2022) को एफसी मीर-बाजार, अखरोट फैक्ट्री काजीगुंड और रामबन (Qazigund and Ramban) में लम्बर में यात्रा शिविरों का भी दौरा किया और तीर्थयात्रियों के लिये सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की।
बता दे कि इस साल तीर्थयात्री यात्रा के लिये सीधे श्रीनगर (Srinagar) से हेलीकॉप्टर सेवा का भी फायदा उठा सकते हैं। दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में स्थित गुफा मंदिर की तीर्थ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के हिस्सा लेने की संभावना है। जबकि ऑनलाइन पंजीकरण पहले ही शुरू हो चुका है, तीर्थयात्रा 30 जून से 11 अगस्त के बीच 43 दिनों तक चलेगी। अमरनाथ तीर्थस्थल हिमालय के ऊपरी भाग में स्थित भगवान शिव (Lord Shiva) की 3,880 मीटर ऊंची गुफा मंदिर का तीर्थ है।