न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन सीमा तनाव (India-China border tension) को लेकर भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। सिंह ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। मैं इस सदन (lok sabha) से एक प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध करता हूं कि हम अपने सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पारंपरिक प्रथागत संरेखण (traditional customary alignment) और सीमा मुद्दे को अनसुलझे नहीं मानता है। “भारत और चीन सीमा का मुद्दा अनसुलझा है। अब तक, कोई पारस्परिक स्वीकार्य समाधान नहीं हुआ है। चीन सीमा मुद्दे पर असहमत है। चीन सीमा के पारंपरिक और प्रथागत संरेखण को नहीं मानता है। हम मानते हैं कि यह संरेखण आधारित है। सिंह ने कहा कि भौगोलिक सिद्धांतों (geographical principles) को अच्छी तरह से स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा, “चीनी सैनिकों का हिंसक आचरण पिछले सभी समझौतों का उल्लंघन है। हमारे सैनिकों ने हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में जवाबी कारवाही की है।” सिंह ने कहा कि चीन ने एलएसी और आंतरिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेना की बटालियनों और सेनाओं को जुटाया है।
उन्होंने कहा, “पूर्वी लद्दाख, गोगरा, कोंगका ला, पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी बैंकों में कई घर्षण बिंदु हैं। भारतीय सेना ने इन क्षेत्रों में काउंटर करने के लिए तैनाती की है।”
दोनों देश अप्रैल-मई के समय सीमा के बाद से गतिरोध की स्थिति में हैं और चीन ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में फिंगर क्षेत्र और अन्य घर्षण बिंदुओं में क्षेत्रों को खाली करने से इनकार कर दिया है।
कई दौर की वार्ता भी तनाव को कम करने में कोई महत्वपूर्ण परिणाम देने में विफल रही है और अब भारतीय पक्ष ने उच्च पर्वतीय क्षेत्र में दीर्घकालिक तैनाती के लिए खुद को तैयार किया है।