Tax Collection: वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिये हुआ रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन, आंकड़ा 27 लाख करोड़ रुपये के पार

बिजनेस डेस्क (राज कुमार) वित्त मंत्रालय ने बीते गुरुवार (14 अप्रैल 2022) को वित्त वर्ष 2021-22 में कुल टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) का कार्यालयी ब्यौरा (Official Details) जारी किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स में 49% और इनडायरेक्ट टैक्स में 30 फीसदी का मजबूत इज़ाफा हुआ।

वित्त वर्ष 2021-22 में मोदी सरकार (Modi Govt.) के कुल कर राजस्व 34% के रिकॉर्ड इज़ाफे के साथ 27.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ये बजट अनुमान से करीब 5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है। 2021-22 के बजट में टैक्स से आय 22.17 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था। बता दे कि 2020-21 में कर राजस्व 20.27 लाख करोड़ रुपये था।

आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 49% की तेज वृद्धि के साथ 14.10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। जबकि इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Indirect Tax Collection) में 30% का इज़ाफा हुआ और ये 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा। राजस्व सचिव तरुण बजाज (Revenue Secretary Tarun Bajaj) ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के बजट अनुमान से 3.02 लाख करोड़ रुपये ज़्यादा है। सीमा शुल्क से होने वाली आमदनी में भी 41% की वृद्धि हुई।

तरुण बजाज के मुताबिक कर राजस्व में इज़ाफा अर्थव्यवस्था में सुधार की ओर इज़ाफा करता है। उन्होंने बताया कि उत्पाद शुल्क का संग्रह भी बजट अनुमान से ज़्यादा रहा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में टैक्स-टू-जीडीपी अनुपात 11.7% था। वित्त वर्ष 2020-21 में टैक्स-टू-जीडीपी (GDP) अनुपात 10.3% रहा। ये साल 1999 के बाद सबसे ज्यादा है।

जाने क्या है, डायरेक्ट टैक्स

ये इंकम टैक्स की तरह व्यक्ति की आय या लाभ पर लगाया जाता है, जो वस्तुओं या सेवाओं के बजाय इसका भुगतान करता है, ये प्रत्यक्ष कर के रूप में जाना जाता है। प्रत्यक्ष कर के मामले में करदाता के बोझ को किसी और पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। ये मोटे तौर पर आय या धन पर कर हैं। आयकर, निगम कर, संपत्ति कर, विरासत कर और उपहार कर प्रत्यक्ष कर के उदाहरण हैं।

जाने क्या है, इनडायरेक्ट टैक्स

अप्रत्यक्ष कर आमतौर पर सरकार द्वारा राजस्व (Revenue) इकट्ठा करने के लिये इस्तेमाल में लाये जाते हैं। ये अनिवार्य रूप से शुल्क हैं, जो सभी करदाताओं पर समान रूप से लगाये जाते हैं, चाहे उनकी आय कितनी भी हो, अमीर हो या गरीब, सभी को इन्हें चुकाना पड़ता है।

अप्रत्यक्ष कर एक ऐसा कर है, जिसे किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को हस्तांतरित किया जा सकता है। अप्रत्यक्ष कर आम तौर पर सप्लायर या निर्माताओं पर लगाया जाता है, जो इसे अंतिम उपभोक्ता को देते हैं। उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और मूल्य वर्धित कर (VAT) अप्रत्यक्ष करों के उदाहरण हैं।

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