Khalistan के मुद्दे पर हुआ जनमत संग्रह, पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के सामने जतायी चिंता

नई दिल्ली (देवेंद्र कुमार): कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह (Khalistan Referendum) कार्यक्रम में सिख बड़ी तादाद में पहुंचे, ठीक उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) को उत्तरी अमेरिकी राष्ट्र में जारी भारत विरोधी कवायदों के बारे में भारत की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया।

भारत में सिखों के लिये एक अलग विद्रोह, खालिस्तान के समर्थन में बीते रविवार (10 सितंबर 2023) को ब्रिटिश कोलंबियन प्रांत में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में वोटिंग आयोजित की गयी, जहां हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की जून में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जनमत संग्रह का आयोजन प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) ने करवाया।

बता दे कि इस वोटिंग की कवायद में 100,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए। इस मुद्दे पर सिख फॉर जस्टिस के निदेशक जतिंदर ग्रेवाल (Jatinder Grewal) ने कहा कि- “वोटिंग हमें और सिख समुदाय को बताता है कि खालिस्तान का मुद्दा लोगों के लिये हवाई मसला नहीं है, बल्कि… ये गहरी जड़ों वाला मुद्दा है जो कई सिखों के दिल और दिमाग को छूता है।”

ये जनमत संग्रह की कवायद सरे के एक स्कूल में होना थी, लेकिन संबंधित निवासियों की ओर से पोस्टर पर हथियारों की तस्वीरें स्कूल अधिकारियों के ध्यान में लाये जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।

कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पीएम मोदी ने शनिवार (9 सितंबर 2023) को ट्रूडो से कहा कि चरमपंथी तत्व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा गया कि, “संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिये भी भारी चिंता का सब़ब होना चाहिये। ऐसे खतरों से निपटने में दोनों देशों का सहयोग करना जरूरी है।”

अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में ट्रूडो ने कहा कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा की अगुवाई नहीं करतीं।

खालिस्तानी उग्रवाद से जुड़े एक सवाल के ज़वाब में उन्होंने जवाब में कहा कि, “कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और ये हमारे लिये काफी अहम है। साथ ही हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिये हमेशा मौजूद रहेगें।”

ट्रूडो के 9-10 सितंबर के शिखर सम्मेलन के लिये भारत रवाना होने से कुछ ही दिन पहले, सरे में श्री माता भामेश्वरी दुर्गा मंदिर में भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारों के साथ तोड़फोड़ की गई थी।

नई दिल्ली में कड़ा विरोध दर्ज कराने के बावजूद कनाडा में खालिस्तानी समर्थक भित्तिचित्रों और पोस्टरों के साथ देश भर में भारतीय राजनयिकों और मंदिरों को निशाना बनाकर भारत विरोधी अभियान जारी है।

टोरंटो (Toronto) में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी तत्वों की ओर से किल इंडिया पोस्टर लगाये जाने की घटनाओं के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने कहा था कि कनाडा साफतौर पर वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित होकर इन विरोध प्रदर्शनों की मंजूरी दे रहा है।

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