न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): पिछले काफी समय से बिहार के स्वास्थ्य में धांधली के सिलसिलेवार घटनाक्रम में सामने आ रह है। इससे जुड़ी अनियमितताओं को ऑडिट करते हुए कई बातों को खुलासा हुआ जैसे कि लापता होते ऑक्सीजन स्टॉक, एक्सपायर्ड दवा, संविदा कर्मियों की रिश्वत पर बहाली और अस्पतालों में घोस्ट एम्पलॉयी। इसी क्रम में हाल ही में पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) की बात को सिरे से नकारते हुए राजद-जद (यू) राज्य सरकार ने बिहार ने अगले सालों वर्षों के लिये सूबे में आपातकालीन एंबुलेंस चलाने का कॉन्ट्रैक्ट सत्तारूढ़ जद (यू) के एक सांसद के रिश्तेदारों के मालिकाना हक़ वाली कंपनी को दिया है। खास बात ये है कि इस कॉन्ट्रैक्ट में इस नियम को भी जोड़ा गया है कि कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट 5 साल बाद तीन और सालों के लिये बढ़ाया जा सकता है।
बीती 31 मई को राष्ट्रीय डायल 102 आपातकालीन सेवा के हिस्से के तौर पर बिहार में 2,125 एम्बुलेंस के बेड़े को चलाने के लिये 1,600 करोड़ रुपये का ठेका पटना की पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (PDPL- Pashupatinath Distributors Private Limited) को दिया गया, ये कंपनी जहानाबाद (Jehanabad) के सांसद चंदेश्वर प्रसाद (MP Chandeshwar Prasad) के रिश्तेदारों की बतायी जा रही है। सूबे में इस एम्बुलेंस की मदद से गंभीर मरीजों, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को नजदीकी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क पहुंचाया जाता है।
पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड अब राज्य के इस 2,125 एम्बुलेंस के बेड़े को पटना के स्टेट हेल्थ सोसाइटी ऑफ बिहार (State Health Society of Bihar) के परिसर ऑपरेट करेगी। इस ठेके का आंबटन 31 मई को हुआ था। ट्रेंडी न्यूज नेटवर्क को अपनी शुरूआती छानबीन में पता लगा है कि इस टेंडर से जुड़ा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल 5 अप्रैल 2022 को जारी किया गया था। RFP जारी होने के बाद सामने आयी कई आपत्तियों के बीच गैरकानूनी तरीके से टेंडर से जुड़े मानदंड़ों को बदला गया ताकि ये टेंडर हर तरीके से पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को ही हासिल हो सके।
पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) के डायरेक्टर सांसद चंदेश्वर प्रसाद के बेटे सुनील कुमार हैं। सुनील कुमार ने अपनी पत्नी नेहा रानी को फर्म में डायरेक्टर का ओहदा दे रखा है। इसके साथ ही पीडीपीएल चंदेश्वर प्रसाद के दूसरे बेटे जितेंद्र कुमार की बीवी मोनालिसा और उनके साले योगेंद्र प्रसाद निराला भी पीडीपीएल में निदेशक है। खास बात ये है कि बिहार में एम्बुलेंस बेड़े को चलाने के लिये पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड को ये ठेका दूसरी बार मिला है। इस बार कंपनी ने पूरी तरह से अपने दमखम पर ये ठेका हासिल किया है। पिछले कंपनी ने सम्मान फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर ठेका हासिल किया था।
इस ठेके को हासिल करने की दौड़ में सम्मान फ़ाउंडेशन ने इस बार मुंबई (Mumbai) की कंपनी बीवीजी इंडिया लिमिटेड (BVG India Limited) के साथ मिलकर इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिये संयुक्त दावेदारी पेश की थी। खास बात ये है कि जब पीडीपीएल ने ये ठेका हासिल कर लिया तो सम्मान फ़ाउंडेशन (Samman Foundation) और बीवीजी इंडिया लिमिटेड ने पटना हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। जिसमें सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि टेंडर से जुड़ी कवायदें शुरू हो चुकी है, इसलिये इसे रोका नहीं जा सकता है। लेकिन स्टेट हेल्थ सोसायटी ऑफ़ बिहार कोर्ट के मंजूरी के बिना कोई आखिरी फैसला नहीं ले सकती है।
आगे की सुनवाई के दौरान पटना हाई कोर्ट ने अपने इस फरमान को भी वापस ले लिया। जिस पर सम्मान फ़ाउंडेशन और बीवीजी इंडिया लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख़ किया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय (SC- Supreme Court) ने कहा कि मामले का निपटारा पटना हाईकोर्ट ही करेगा।