Republic Day Violence: कोर्ट ने दी लक्खा सिधाना को बड़ी राहत, मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को

न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार (26 जून 2021) को गणतंत्र दिवस हिंसा (Republic Day Violence) मामले में कथित गैंगस्टर से कार्यकर्ता से बने लाखा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी। लक्खा के वकील के मुताबिक तीस हजारी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई तक सिधाना को अंतरिम राहत दी। जो कि अदालत सिधाना की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सिधाना की ओर से वकील अजीतपाल सिंह मंदर, वीर संधू, जसदीप ढिल्लों और जसप्रीत राय के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता पेश हुए। वकीलों के अनुसार लाल किले की घटना में लाखा सिधाना की कोई भूमिका नहीं है और यहां तक ​​कि दिल्ली पुलिस ये भी कबूल करती है कि लाखा 26 जनवरी को लाल किले में घुसा ही नहीं था।

दिल्ली पुलिस ने सिधाना की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए कुछ और समय मांगा है। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और अन्य लोगों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हिंसा से जुड़े मामले के संबंध में आरोपपत्र का संज्ञान (Cognizance Of Charge Sheet) लिया और उनके खिलाफ समन जारी किया।

आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर ने दीप सिद्धू और अन्य को समन जारी कर 29 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने को कहा। चार्जशीट में दीप सिद्धू और दूसरे लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया है। मामले में पहली चार्जशीट 17 मई को तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने दायर की गयी थी। पुलिस ने मामले में दीप सिद्धू, इकबाल सिंह, मनिंदर मोनी और खेमप्रीत सहित समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है।

दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह, दंगा, हिंसा, हत्या के प्रयास और डकैती से जुड़ी विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। बाद में मामला दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। करीब 3,000 पन्नों की चार्जशीट में कुछ किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शनकारियों ने पूर्व निर्धारित मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में घुसने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिये, तैनात पुलिसकर्मियों से भिड़ गये, और किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में संपत्तियां तोड़फोड़ी गयी। प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले में भी प्रवेश किया और इसकी प्राचीर से अपने झंडे फहराये। किसान 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) किसान समझौता अधिकारिता और संरक्षण अधिनियम। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, विशेष प्रकोष्ठ और स्थानीय पुलिस में कुल 43 अलग-अलग मामले दर्ज किये। और गणतंत्र दिवस की हिंसा से संबंधित विभिन्न मामलों में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More