RBI के कम्फर्ट जोन से बाहर निकली खुदरा महंगाई, रोजमर्रा की चीजें हुई मंहगी

बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारत में खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2023 के महीने में फिर से आरबीआई (RBI) के अपर टोलरेंस बैंड को पार कर गयी, आज जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.52 प्रतिशत आंका गया। ग्रामीण और शहरी भारत में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) क्रमशः 6.85 प्रतिशत और 6.00 प्रतिशत दर्ज की गयी। इन दोनों इलाकों में अनाज उत्पाद, अंडे, और मसालों की बढ़ी कीमतों ने खुदरा मुद्रास्फीति के इज़ाफे में खासा योगदान दिया।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर के महीने में 5.72 प्रतिशत थी, जबकि नवंबर महीने में ये 5.88 फीसदी और अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत थी। देश की खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिये आरबीआई के छह फीसदी लक्ष्य से ऊपर थी और नवंबर 2022 में ही आरबीआई के कम्फर्ट जोन में वापस आने में कामयाब रही थी।

पिछले साल मई से आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिये ताजातरीन 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी समेत अल्पकालिक उधार दर में 250 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। रेपो दर (Repo Rate) बढ़ाने से अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है और इस तरह ये मुद्रास्फीति को रोकने में मददगार साबित होती है।

फ्लेक्सिबल इंफलेशन टारगेटिंग फ्रेमवर्क (Flexible Inflation Targeting Framework) के तहत अगर सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिये 2-6 प्रतिशत की सीमा से बाहर है तो आरबीआई को मूल्य वृद्धि के मैनेजमेंट में नाकाम माना जाता है।

इस बीच भारत में औसत खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 5.3 पर रहने का अनुमान जताया है, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बीते बुधवार को मौद्रिक नीति (Monetary Policy) नतीज़ों की घोषणा करते इस बारे में आधिकारिक वक्तव्य जारी किया था। उन्होंने कहा था कि जारी किया फाइनेंशियल प्रोजेक्शन (Financial Projection) सामान्य मानसून की धारणा पर आधारित था।

2023-24 की पहली तिमाही में औसत मुद्रास्फीति क्रमशः 5.0 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। मार्च को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिये जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में 5.7 प्रतिशत के औसत के साथ मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

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