RIP Amar Singh: ज़िन्दगी से जंग हारे अमर सिंह

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): भारतीय राजनीति के दिग्गज़ योद्धा अमर सिंह (Amar Singh) ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया है। किडनी ट्रांसप्लाट (Kidney transplant) के बाद बीते 6 महीनों से वो सिंगापुर (Singapore) में अपना इलाज़ करवा रहे थे। 64 साल के अमर सिंह ने आईसीयू (ICU) में परिवार की मौजूदगी में दम तोड़ा। साल 2013 के दौरान भी उन्हें गुर्दों के समस्या का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश और देश की सियासत में उनका रसूख काफी ऊंचा था। तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियों में उनके मित्र थे। सियासत के साथ ही मनोरंजन जगत के काफी अच्छी पकड़ थी।

एक दौर ऐसा भी था, जब उनकी बच्चन परिवार से गहरी नजदीकियां हुआ करती थी। बाद में कुछ गलतफहमियों के कारण अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और अमर सिंह के बीच रिश्तों में खटास आ गयी थी। जिसका मलाल अमर सिंह को दम तोड़ने से पहले बना रहा। सिंगापुर में इलाज के दौरान उन्होनें अभिताभ बच्चन के नाम वीडियो संदेश भी जारी किया था, जिसमें अमर सिंह ने बच्चन परिवार से तालुक्कात में आयी दरार के लिए खेद भी जताया था। शायद उन्हें तब ही अपनी मृत्यु का आभास (Feeling of death) हो चुका था।

उत्तर प्रदेश की सियासत में वो सपा संरक्षक मुलायम सिंह (SP Patron Mulayam Singh) के खास सिपहसालार माने जाते थे। किसी भी बड़े काम को करने से पहले मुलायम सिंह एक बार अमर सिंह से सलाह-मशवरा जरूर करते थे। सहारा श्री सुब्रतो रॉय (Sahara Shree Subroto Roy) से अमर सिंह की खास दोस्ती हुआ करती थी। सुब्रतो रॉय सहारा परिवार के हर कार्यक्रम में अमर सिंह का निमन्त्रण देना नहीं भूलते थे। 5 जुलाई 2016 को उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया।

समाजवादी पार्टी से अलगाव के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता कम होती चली गयी। गंभीर रूप से बीमार होने से ठीक पहले भाजपा की ओर उनका बढ़ता झुकाव देखा गया। उनका सियासी सफर साल 1996 में राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) बनने के साथ शुरू हुआ। साल 2017 में समाजवादी कुनबे में अखिलेख और शिवपाल यादव विवाद के पीछे अमरसिंह का नाम सामने आया था। जिसके बाद उन्हें सपा समर्थक टेढ़ी नज़रों से देखने लगे थे।

अमरसिंह की खुशमिज़ाजी को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने ट्विट पर लिखा कि- वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है। सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी। स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ।

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