RML अस्पताल प्रशासन ने कसा हड़ताली डॉक्टर्स पर शिकंजा, कहा ड्यूटी पर लौटे नहीं तो होगी कड़ी कार्रवाई

न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): नई दिल्ली में कोविड​​-19 मामलों के ओमिक्रॉन वेरियंट की बढ़ती तादाद के बीच येलो अलर्ट के ऐलान के एक दिन बाद चिकित्सा अधीक्षक राम मनोहर लोहिया अस्पताल नंदिनी दुग्गल (Medical Superintendent Ram Manohar Lohia Hospital Nandini Duggal) ने आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों (Agitating Resident Doctors) को “मरीजों के हित में” ड्यूटी को फिर से शुरू करने का फरमान जारी किया। जारी आदेश में कहा गया कि ड्यूटी पर नदारद रहने वाले के खिलाफ “उचित कार्रवाई” की जायेगी।

जारी किये गये आदेश में साफ कहा गया कि- 27 दिसंबर के आदेश और दिल्ली में COVID-19/ओमाइक्रोन मामलों को लेकर येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया गया। ऐसे में सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को एक बार फिर से मरीजों के हितों को देखते हुए हड़ताल खत्म करके ड्यूटी पर फिर लौटना होगा। साथ ही जो डॉक्टर्स तयशुदा रोस्टर ड्यूटी (Fixed Roster Duty) के हिसाब से अस्पताल में गैरमौजूद पाये जाते है तो उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जायेगी।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (Minister of Health and Family Welfare) पहले ही 28 दिसंबर को आंदोलनकारी डॉक्टरों से 1 जनवरी 2022 को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की तैयारी और उसके बाद वाज़िब कार्रवाई के बारे में आश्वासन दे चुके हैं। आदेश में कहा गया है कि सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को इसे मानना चाहिये।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने बीते मंगलवार (28 दिसंबर 2021) को रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक की थी और कहा था कि नीट-पीजी काउंसलिंग (Neet-PG Counseling) मुमकिन नहीं हो पा रही है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

देश भर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा और बुधवार से “सभी स्वास्थ्य सेवाओं” को वापस लेने की चेतावनी दी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को FORDA प्रतिनिधियों के 12-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आपातकालीन बैठक की थी।

इससे पहले कई अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में सोमवार शाम दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के पास मार्च निकाला। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (AIIMS Resident Doctors Association) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उन्होंने “एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में तेजी लाने के लिये शांतिपूर्वक विरोध कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ हुई पुलिस की हिंसक कार्रवाई की निंदा की।”

बता दे कि कि NEET PG परीक्षा जनवरी 2021 में निर्धारित की गयी थी लेकिन कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया और इसे 12 सितंबर 2021 को आयोजित किया गया। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण फिलहाल के लिये काउंसलिंग पर रोक लगा दी गयी है। नतीज़न फ्रंटलाइन में 45000 डॉक्टरों की कमी बनी हुई है।

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