Rohini Court Shootout: दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका, बार काउंसिल और दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की लगायी गुहार

नई दिल्ली (यार्चिता गोस्वामी): हाल ही में रोहिणी कोर्ट के अंदर बीते शुक्रवार (24 सितंबर 2021) दोपहर को हुई गोलीबारी (Rohini Court Shootout) के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी। जिसमें याचिकाकर्ता ने गोलीबारी के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों को रोहिणी कोर्ट के अंदर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक उपाय से जुड़े निर्देश जारी करने की गुहार लगायी। याचिका में कई सुझावों को लागू करने की अपील भी की गयी है। साथ ही दिल्ली पुलिस आयुक्त और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को भी सुझाव और सहयोग देने के विचार पर अदालत से गौर करने को कहा गया।

याचिका वकील दीपा जोसेफ (Advocate Deepa Joseph) ने वकील रॉबिन राजू और ब्लेसन मैथ्यूज के जरिये दायर की। जिसमें कहा गया कि कोर्ट के एन्ट्री गेट पर कोर्ट में जाने वाले सभी वकीलों के आइडेंटिटी कार्ड की भी जांच की जाये। याचिकाकर्ता वकील दीपा जोसेफ ने गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी याचिका को रिप्रजेंटेशन (Representation)  समझ जाये और न्यायालय उस पर फौरी कार्रवाई करें।

दीपा जोसेफ ने अपनी दरख्वास्त में मांग करते हुए कहा कि- दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में लगी दिल्ली पुलिस वकीलों की सुरक्षा और तलाशी के लिये एक तरह के मानदंड को स्थापित करे साथ ही सभी न्यायालयों के एन्ट्री गेट पर बायोमेट्रिक पंचिंग डिवाइस (Biometric Punching Device) इंस्टॉल करने की संभावनाओं पर भी गौर किया जाना चाहिये। इसके साथ ही पुलिस को उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाये जो इस निर्देश को पूरी लगन और गंभीरता से लागू नहीं करते हैं।

याचिकाकर्ता ने बीसीडी को दिल्ली में सभी जिला बार एसोसिएशनों (District Bar Associations) को एक एडवाइजरी जारी करने के निर्देश की भी मांग की, जिसमें बार एसोसिएशन के सदस्यों को कोर्ट के मेन गेट पर पुलिस कर्मियों के साथ सहयोग करने की सिफारिश की गयी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि वो इस बात से हैरान हैं कि जिन जिला अदालतों में वो और हजारों साथी वकील रोजाना आते हैं, अब वहीं गैंगस्टरों के लिये दुश्मनी पूरी करने का अखाड़ा बन गये है। जिस तरह से रोहिणी कोर्टरूम के भीतर गोलियां चली वो काफी डराने वाला मंजर रहा है। घटना के दौरान एक युवा वकील भी दहशत के कारण बुरी तरह घायल हो गयी।

याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि, "अदालत के अंदर हुई ये गोलीबारी दिल्ली में जिला अदालतों के अंदर न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा (Protection of judges, lawyers and litigants) पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाती है। मैं वकालत के पेशे से जुड़े होने के कारण तुरन्त रिट दाखिल कर रही हूँ। कोर्ट रूम गोलीबारी की तस्वीरें दिनभर सोशल मीडिया पर चलती रही जो कि काफी चौंकाने वाली है"

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि शुक्रवार की भयावह तस्वीरों से उन्हें मानसिक रूप से बड़ा झटका लगा है। दीपा जोसेफ ने द्वारका कोर्ट में गोली चलाने की घटनाओं का भी जिक्र किया। मई 2019 में साकेत कोर्ट के पास फायरिंग और इससे पहले साल 2017 में रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स के अंदर गोली मारकर एक विचाराधीन अभियुक्त (Accused Under Trial) की हत्या करने का भी जिक्र भी उन्होनें अपनी रिट में किया।

याचिका में कहा गया है कि, "रोहिणी कोर्ट में हुई घटना की तरह ही एक चौंकाने वाली घटना दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की हत्या थी, जब चार हथियारबंद हमलावरों ने कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्प्लेक्स (Karkardooma Court Complex) में एक कोर्ट रूम के अंदर गोलीबारी की थी।"

याचिका में कहा गया कि, "रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुई घटना असल में काफी सुनियोजित थी। हमलावरों ने खुद को वकील के तौर पर पेश किया और खूंखार गैंगस्टर (Dreaded Gangster) को अदालत के सामने पेश किये जाने से पहले ही वो कोर्ट रूम में मौजूद थे। हमलावर जिस आसानी से अदालत परिसर में घुस गये, उससे पता चलता है कि वे इस बात से अच्छी तरह वाकिफ थे कि वकील की पोशाक में अदालत में पहुंचने का आसान जरिया है।"

याचिकाकर्ता ने कहा कि, "दिल्ली में जिला अदालतों का दौरा करने वाले कोई भी शख़्स आसानी से देख सकता है कि कोर्ट परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी वकीलों की पोशाक पहने किसी भी शख़्स की तलाशी नहीं लेते है।"

गौरतलब है कि वकीलों की एक बड़ी जमात याचिकाकर्ता (Petitioner) के सुझावों से नाखुश होगा, लेकिन याचिकाकर्ता न्यायाधीशों, वकीलों, अदालत के कर्मचारियों और वादियों की पूरी सुरक्षा को देखते हुए ये सुझाव दे रहा है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More