कश्मीरी हिंदुओं को संबोधित करेंगे RSS प्रमुख मोहन भागवत

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत 3 अप्रैल को नवरेह समारोह के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कश्मीरी हिंदू समुदाय को संबोधित करेंगे। संजीवनी शारदा केंद्र (SSK) जम्मू ‘त्याग और शौर्य दिवस’ मनाने के लिये 1-3 अप्रैल से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है और ‘कश्मीरी समाज’ नवरेह के इस शुभ अवसर पर अपने वतन लौटने का संकल्प लेने का आग्रह कर रहा है।

एसएसके कई सालों से कश्मीरी हिंदू समुदाय (Kashmiri Hindu Community) के सदस्यों और स्कूली बच्चों के साथ ‘नवरेह, त्याग और शौर्य दिवस’ मनाता रहा है। इस मौके पर सेमिनार, निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।

एसएसके के मुताबिक नवरेह समारोह (Navreh Ceremony) 1 अप्रैल को श्रिया भट (एक ऐतिहासिक प्रतीक, जिसे कश्मीरी हिंदुओं का उद्धारकर्ता कहा जाता है) की याद में ‘त्याग (बलिदान) दिवस’ के साथ शुरू होगा। 2 अप्रैल को नवरेह (नये साल का पहला दिन) नवरेह संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाता है।

3 अप्रैल को शौर्य दिवस आठवीं शताब्दी के कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तपीड (King Lalitaditya Muktpid of Kashmir) के सम्मान में तुर्कों पर उनकी वीरता और जीत के तौर मनायेगा जायेगा। कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तपीडा ने मध्य एशिया से पूर्व और दक्षिण भारत में बंगाल तक अपने राज्य का विस्तार किया था, ये दिन उनकी ही याद में मनाया जाता रहा है।

नवरेह समारोह का समापन आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत (Sarsanghchalak Mohan Bhagwat) द्वारा कश्मीरी हिंदू समुदाय को वर्चुअल संबोधन के साथ होगा। माना जाता है कि ‘नवरेह’ शब्द संस्कृत के ‘नववर्ष’ से लिया गया है, जिसका मतलब है नया साल। ये चैत्र (वसंत) नवरात्रों के पहले दिन के साथ मेल खाता है। कश्मीरी पंडित अपनी देवी शारिका (Goddess Sharika) को नवरेह त्यौहार समर्पित करते हैं और त्यौहार के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि भी दी जाती है।

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