न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU- Banaras Hindu University) के छात्रों के एक गुट ने इफ्तार पार्टी के विरोध में कुलपति (Vice Chancellor) का पुतला फूंका और कैंपस की दीवारों पर भड़काऊ नारे लिखा पाये के बाद कुछ अन्य लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में दो विरोध प्रदर्शन बुधवार शाम (27 अप्रैल 2022) और गुरुवार (28 अप्रैल 2022) सुबह अलग-अलग गुटों द्वारा किये गये थे।
विश्वविद्यालय के एक महिला कॉलेज में इफ्तार पार्टी (Iftar Party) आयोजित होने के बाद बुधवार शाम छात्रों का एक गुट बीएचयू वीसी कार्यालय पहुंचा। बता दे कि इस इफ्तार पार्टी में वीसी सुधीर जैन (VC Sudhir Jain), विश्वविद्यालय और कॉलेज के अन्य कर्मचारियों ने शिरकत की थी।
विश्वविद्यालय के कॉलेज में पहली बार इफ्तार पार्टी आयोजित करने और एक नई परंपरा शुरू करने की जरूरत पर सवाल उठाने का आरोप लगाते हुए नाराज़ छात्रों ने देर शाम तक विरोध में वीसी के आवास पर नारेबाजी की और उनका पुतला जलाया।
हालांकि बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह (BHU spokesperson Rajesh Singh) ने कहा कि- बीएचयू के लिये इफ्तार पार्टी करना कोई नई बात नहीं है और साथ ही उन्होनें आरोप लगाया कि इफ्तार विरोधी प्रदर्शन परिसर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश थी। विश्वविद्यालय परिसर में सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं। दो साल के अंतराल के बाद महिला कॉलेज में रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया था और इसमें कुलपति को विश्वविद्यालय को खासतौर से आमंत्रित किया गया था। अतीत में भी कुलपतियों ने अपनी उपलब्धता के आधार पर इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया है। ऐसे मुद्दें विश्वविद्यालय का माहौल खराब करते है। ये प्रयास निंदनीय है।
मामले पर बुधवार शाम के विरोध के बाद गुरुवार को एक और विरोध प्रदर्शन किया गया जब कुछ ब्राह्मण विरोधी और नारे और कश्मीर से जुड़े नारे विश्वविद्यालय परिसर की दीवार पर लिखे पाये गये। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने नारों के सामने आने को भगत सिंह छात्र मोर्चा (Bhagat Singh Chatra Morcha) की करतूत करार दिया, लेकिन छात्र संगठन ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया।
धरना स्थल पर पहुंचे यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर बीसी कापड़ी (Chief Proctor BC Kapri) ने कहा कि- ऐसा कैंपस का माहौल खराब करने के लिये किया गया है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों, जिनका नाम नारों के तहत लिखा गया था, की पहचान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गयी है और उनके खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जायेगी।
आरोपों का खंडन करते हुए भगत सिंह छात्र मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि, “बीसीएम का इन नारों से कोई लेना-देना नहीं है। बीसीएम ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मामले की जांच करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।