US Dollar के मुकाबले रूपये ने दर्ज की अब तक सबसे बड़ी गिरावट, 39 पैसे लुढ़ककर पहुँचा 81.18 के आंकड़े पर

बिजनेस डेस्क (राजकुमार): अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निवेशकों का रूख़ नकारात्मक रहा, जिसकी बाद रूपया 83 पैसे गिर गया, जो लगभग सात महीनों में रूपये का अब तक सबसे निचला स्तर है। बीते गुरूवार (22 सितम्बर 2022) को अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर रूपया 80.79 पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि यूएस फेड (US Federal Reserve) की दर में इजाफे और यूक्रेन (Ukraine) में भू-राजनीतिक हालातों की वज़ह से निवेशक कम जोखिम उठना चाह रहे, जिसका सीधा असर बाजार पर पड़ता दिख रहा है।

इसके अलावा विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में नरम रूख, और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती का असर भी रूपये पर साफ पड़ता दिख रहा है। विदेशी मुद्रा बाजार में रूपया 80.27 पर खुला, फिर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 80.95 पर पहुँच गया। आखिर में ये 79.96 के अपने पिछले बंद के मुकाबले 83 पैसे की गिरावट के साथ 80.79 पर बंद हुआ। 24 फरवरी के बाद से एक दिन में डॉलर के मुकाबले रूपये में ये सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी, जब इसमें 99 पैसे की गिरावट आयी थी।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को 75 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 3.25% कर दिया। ये 75 बेसिस प्वाइंट की लगातार तीसरी बढ़ोत्तरी थी। फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने मुद्रास्फीति को काबू करने के लिये संस्थान की प्रतिबद्धता पर फिर से एक मुहर लगायी। डॉलर इंडेक्स जो कि छह अलग-अलग करेंसियों के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है, 0.38 फीसदी से बढ़कर 110.06 हो गया, ऐसे हालातों में बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और बैंक ऑफ जापान (बीओजे) की मौद्रिक नीतियों पर दुनिया भर के बाजारों की नज़र होगी।

रूपये में मौजूदा गिरावट मजबूत घरेलू बुनियादी कारकों के बाद भी कुछ समय के लिये जारी रह सकती है। रूपया मजबूत ग्रीनबैक पर प्रतिक्रिया करेगा, लेकिन क्षेत्रीय मुद्राओं के बीच इसका बेहतर प्रदर्शन हो सकता है। दूसरी ओर फेड द्वारा 75 बेसिस प्वाइंट की दरों में बढ़ोतरी के बाद रूपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नये स्तर पर गिर गया और डॉलर 20 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया क्योंकि फेड ने अपनी आगामी बैठकों में और बड़ी बढ़ोतरी का इशारा किया है।

फेड के नये अनुमानों से पता चला है कि साल के आखिर तक इसकी नीति दर बढ़कर 4.4 फीसदी हो जायेगी। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चीनी युआन (Chinese Yuan) के गिरने से भी रूपया कम हुआ। आज येन (Yen) में अस्थिरता देखी गयी क्योंकि बैंक ऑफ जापान (Bank of Japan) ने करेंसी के तेज मूल्यह्रास को रोकने के लिये दखल दिया है।

उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक 50 बेसिस प्वाइंट दरें और बढ़ा सकता है। रूपये की गिरावट के बीच बीते कारोबारी दिन (22 सितम्बर 2022) घरेलू इक्विटी बाजार के मोर्चे पर 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 337.06 अंक और 0.57 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि ब्रॉड एनएसई निफ्टी 88.55 अंक और 0.5 फीसदी गिरकर 17,629.80 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशक इस दौरान पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे क्योंकि उन्होंने एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक 2,509.55 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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