नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): Russia के राष्ट्रपति Vladimir Putin ने आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस वैक्सीन की घोषणा कर दी है। अब पूरी दुनिया के निगाहें रूस पर आकर टिक गयी है। साथ वैक्सीन की वैश्विक दौड़ में भी रूसी वैज्ञानिकों ने बाज़ी मार ली (Russian scientists win the global race to find the corona vaccine) है। अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स (International News Agency Reuters) ने स्पूतनिक न्यूज़ एजेंसी (Sputnik News Agency) के हवाले से लिखा कि जिन लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गयी है, उनमें राष्ट्रपति ब्लामीदीर पुतिन की बेटी भी शामिल है। साथ ही वैक्सीन का मानवीय इस्तेमाल के लिए पंजीकृत भी कर लिया गया है।
इस मौके पर राष्ट्रपति ब्लामीदीर पुतिन ने कहा- सभी परीक्षणों में यह वैक्सीन कारगर साबित हुई है। कोरोना वायरस से प्रतिरोधक क्षमता विकसित (Developed immunity against corona virus) करने में इस प्रदर्शन लाज़वाब रहा है। वैक्सीन को कई नियामकों परीक्षण से गुजारा (vaccine has undergone several regulatory tests) गया है। इसका कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं है। जिन लोगों ने इसका इस्तेमाल किया, वे सभी स्वस्थ है। अब इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण शुरू किया जायेगा। अब डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ समेत उन तमाम लोगों को सबसे पहले वैक्सीन की खुराक दी जायेगी। जिन्हें संक्रमण का खतरा अधिक है।
राष्ट्रपति पुतिन ने आगे कहा- वैक्सीन की खोज राष्ट्रीय प्रतिष्ठा से कहीं ज्यादा वैज्ञानिकता और सुरक्षा से जुड़ी हुई है। हमने इस प्रभावी दवा के साथ स्वर्णिम प्रतिस्पर्धा को जीत लिया है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने ह्यूमन ट्रॉयल का तीसरा चरण छोड़ा दिया। क्योंकि इसमें कई हज़ार लोगों शामिल होते। उन्हें एक निर्धारित और नियन्त्रित ढंग से नियामक प्रक्रिया के तहत (Under the regulatory process in a prescribed and controlled manner) वायरस संक्रमित करवाना होता। जिसके बाद प्रतिभागियों का विश्लेषण (Analysis of participants) किया जाता। दुनिया के कई औषधि नियामकों ने जोर देकर कहा है कि, COVID-19 टीकों को विकसित करने के लिए आम लोगों की सुरक्षा समझौता नहीं किया जायेगा। लेकिन हालिया सर्वेक्षणों के नतीज़े बताते है कि, अगर इसी तर्ज पर टीके का उत्पादन किया जाये तो सरकारी प्रयासों को लेकर जनता के बीच रोष और अविश्वास बढ़ सकता था।
अब COVID-19 मरीजों का इलाज करने वाले रूसी स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन की स्वीकृति के बाद जल्द ही स्वैच्छिक रूप से टीकाकरण करने का मौका दिया जाएगा। COVID-19 महामारी पर लगाम कसने के लिए दुनिया भर में 100 से अधिक संभावित टीके विकसित किए जा रहे हैं। WHO के आंकड़ों के अनुसार, कम से कम चार वैक्सीन अंतिम चरण III मानव परीक्षणों में हैं।