बिजनेस डेस्क (राजकुमार): रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) द्वारा यूक्रेन (Ukraine) में सैन्य अभियान का आदेश दिये जाने के बाद आज (24 फरवरी 2022) कच्चे तेल की कीमतें बीते सात सालों में पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के निशान से ऊपर चली गयी। ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) आज 102.48 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो सितंबर 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत एक दिन में 5.4 फीसदी बढ़ी।
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चे तेल की कीमत 5.9 फीसदी बढ़कर 97.58 डॉलर प्रति बैरल हो गयी, जो अगस्त 2014 के बाद का उच्चतम स्तर है। यूक्रेन मुद्दे पर रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) और उसके सहयोगियों के बीच बढ़ते तनाव की वज़ह से इस साल की शुरूआत में ही तेल की कीमतों में 20 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा का इज़ाफा हुआ है। रूस तेल और गैस का बड़ा निर्यातक है। रूस-यूक्रेन इलाके में टकराव ने पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य वस्तुओं की सप्लाई को लेकर चिंतायें बढ़ा दी हैं।
भारत तेल और गैस के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। सप्लाई में रूकावट और कीमतों में इज़ाफे का भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर बुरा असर प्रभाव पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इस हफ़्ते की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन-रूस संकट और तेल की ऊंची कीमतें भारत की वित्तीय स्थिरता के लिये बड़ा खतरा हैं।