Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन से आ रही बड़ी खबर में रूस ने पश्चिम मुल्कों को बातचीत का पैगाम दिया। लेकिन हमले का खतरा अभी टला नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने माना है कि हमला अगले 24 घंटों में यानि 16 फरवरी को हो सकता है। इसीलिए उन्होंने यूक्रेन में इस दिन एकता दिवस मनाने का ऐलान किया है। बावजूद इसके सैन्यभ्यास में लगी कुछ टुकड़ियों में मास्को (Moscow) ने वापस बुला लिया है, जिसे भारी तनाव के बीच कुछ हद तक राहत माना जा सकता है।
अमेरिका भी ने अपने दूतावास के कुछ कर्मचारियों को यूक्रेन की राजधानी कीव से लविवि शहर (Lviv City) में ट्रांसफर कर दिया। ये शहर पोलैंड (Poland) से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है और अगर रूस हमला करता है तो अमेरिका अपने कर्मचारियों को सुरक्षित वहां से निकाल सकता है।
भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिये एडवाइजरी जारी की और लोगों से यूक्रेन की यात्रा करने से बचने को कहा। यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को भी गैरजरूरी यात्रा न करने की चेतावनी दी गयी है। फिलहाल यूक्रेन में भारतीय दूतावास काम करना जारी रखे हुए है। मोदी सरकार ने वहां पढ़ने वाले छात्रों और अन्य भारतीय नागरिकों को देश लौटने या किसी भी तरह की मदद के लिये दूतावास से संपर्क करने के लिये कहा।
संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के नेता ने एक बार कहा था कि युद्ध कूटनीति की नाकामी है, यानि कूटनीति की विफलता युद्ध की ओर ले जाती है। इसलिए कूटनीति के मोर्चे पर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को टालने का आखिरी प्रयास किया जा रहा है। उसी के लिये जर्मनी के चांसलर (Chancellor of Germany) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात की और इसके बाद उन्होंने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की।
पुतिन से बातचीत के बाद जर्मन चांसलर ने कहा कि रूस भी युद्ध नहीं चाहता और यूरोप में स्थायी शांति रूस को साथ लेकर ही हासिल की जा सकती है। पुतिन ने ये भी कहा कि वो पश्चिम के साथ बातचीत के लिये तैयार हैं। कुछ इसी तर्ज पर बीते हफ्ते फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) ने भी ऐसा ही प्रयास किया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला और इसी वजह से यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले से निपटने के लिये अपनी तैयारी तेज कर दी।
हालांकि रूस ने यूक्रेन की सीमा से अपने कुछ सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन इसे इस बात की गारंटी नहीं माना जा रहा है कि वो यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करेगा। रूस के रक्षा मंत्री ने भी कहा है कि उसके सैनिक युद्धाभ्यास कर रहे थे और जिनका काम पूरा हो चुका है, उन्हें वापस उनकी बेस पर भेजा जा रहा है। रूस ने ये नहीं बताया कि उसने कितने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
बेलारूस और काला सागर (Belarus and the Black Sea) में फिलहाल युद्धाभ्यास की कवायद जोरों पर है। इसलिए अमेरिका, नाटो और खुद यूक्रेन के लोगों को विश्वास नहीं है कि युद्ध टल जायेगा। रूसी सैनिकों की वापसी की खबर पर यूक्रेन की प्रतिक्रिया थी कि जो सुना गया उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जो दिखता है उस पर भरोसा किया जा सकता है। और वो अभी सिर्फ यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों की तैनाती देख रहे हैं।