एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Russia Ukraine War: ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन पर शांति वार्ता नाकाम होने की संभावना है, क्योंकि उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के साथ बातचीत मतलब मगरमच्छ के साथ बातचीत करना है। जॉनसन ने कहा कि पुतिन के साथ बातचीत करना मतलब “मगरमच्छ की तरह है, खासतौर से जब उसके जबड़े में आपका पैर लग गया हो” और उन्होनें कहा कि ये अहम है कि पश्चिम यूक्रेन को हथियार देना जारी रखे।
उन्होंने कहा, “आप मगरमच्छ के साथ बातचीत कर सकते हैं, जब उसके जबड़े में आपका पैरों में है? यही कठिनाई यूक्रेनियन लोगों को झेलनी पड़ रही है। हमें बस रणनीति के साथ चलते रहना है, उन्हें हथियारों की आपूर्ति करते रहना है।”
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी भारत यात्रा के दौरान अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को यूक्रेन में युद्ध पर अपनी तटस्थता खत्म करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने इस संभावना को कम कर दिया कि भारत रूस के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को खत्म कर देगा।
जॉनसन ने मीडिया से कहा कि, “ये देखना बहुत कठिन है कि यूक्रेनियन अब पुतिन के साथ कैसे बातचीत कर सकते हैं, क्योंकि उनमें विश्वास की कमी है। उनकी रणनीति साफ है, यूक्रेन को जितना संभव हो सके उतना निगलने और कब्जा करने की कोशिश करना है और शायद ताकत की इस स्थिति से किसी भी तरह की बातचीत करना नामुमकिन है।”
जॉनसन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत विश्व लगभग सभी नेताओं इस हफ़्ते यूक्रेन को तोपखाने समेत हथियारों की सप्लाई जारी रखने का आवाह्न किया। यूक्रेन और रूस ने 29 मार्च के बाद से आमने-सामने शांति वार्ता नहीं की है, और यूक्रेन के आरोपों से माहौल खट्टा हो गया है। रूसी सैनिकों ने कीव के पास बुका शहर (Buka City) में अत्याचार किये, जिसका मास्को (Moscow) ने दावों का खंडन किया।
रूस ने इस हफ़्ते ताजा हमले में पूर्वी यूक्रेन में एक शहर जब्त कर लिया जिसे यूक्रेनी अधिकारियों ने डोनबास की लड़ाई के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया। जॉनसन ने कहा कि जब वो शुक्रवार (20 अप्रैल 2022) को नई दिल्ली में पीएम मोदी से मिलेंगे तो वो भारत को यूक्रेन का समर्थन करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन उन्होंने माना कि भारत के रूस के साथ अपने संबंध बनाये रखने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि, “मैंने पहले ही नरेंद्र मोदी से यूक्रेन के बारे में बात की है और असल में भारतीयों ने बुका में जो कुछ हुआ उसकी निंदा की है। लेकिन यूके को खासतौर से ये मानना होगा कि रूस के साथ भारत का ऐतिहासिक संबंध रहा है। नई दिल्ली इस रिश्ते को हमेशा ताजातरीन रखना चाहेगा।”
भारत जो रूसी हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है और अपनी जरूरतों का तेल रूस से तेल आयात करता है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में रूस के खिलाफ वोटिंग में नदारद रहकर भारत ने अपने इरादे साफ कर दिये थे। फिलहाल नई दिल्ली की ओर से मास्को पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।