एजेंसियां/न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): Russia Ukraine War: यूक्रेन में जंग के गहराते ही रूस और पश्चिमी मुल्कों के बीच ऊर्जा युद्ध की आशंका आज (8 मार्च 2022) काफी बढ़ गयी है। ये सामरिक प्रकरण उस वक्त सामने आ रहा है, जब संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) ने यूक्रेन पर हमले करने के लिये मास्को को बड़ी सज़ा देते हुए रूस से तेल इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने के लिये कवायदें शुरू कर दी। फिलहाल जंगी इलाकों से आम लोगों को निकालने के लिये मानवीय गलियारों पर बातचीत में भी कम प्रगति हुई है।
इसके जवाब में रूस ने कहा है कि वो यूरोप (Europe) को गैस की सप्लाई में कटौती कर सकता है। मास्को मौजूदा हालातों में यूरोप की 40% गैस की जरूरतों को पूरा करते हुए सप्लाई करता है। ऐसे में रूस अगर अपनी ज़िद पर अड़ा रहा तो ये यूरोपीय महाद्वीप पर बुरा तरह असर डाल सकता है। नतीज़न पूरे यूरोप में बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट हो सकता है, जिससे आम नागरिकों की ज़िन्दगी दुश्वार होना लगभग तय माना जा रहा है।
मामले पर रूसी उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक (Alexander Novak) ने बीते सोमवार (7 मार्च 2022) को कहा कि, “हमें एक समान फैसला लेने और नॉर्ड स्ट्रीम 1 गैस पाइपलाइन के गैस पंपिंग पर बैन लगाने का पूरा अधिकार है।” इससे पहले रूस ने चेतावनी दी थी कि वो रूस से जर्मनी (Germany) में पाइपलाइनों के जरिये होने वाले गैस फ्लो को रोक सकता है क्योंकि बर्लिन (Berlin) ने पिछले महीने नयी नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के उद्घाटन को रोकने का फैसला किया था।
अगर संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूसी तेल के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया तो तेल की कीमतें दोगुने से ज्यादा $ 300 प्रति बैरल तक जा सकती हैं। बता दे कि पश्चिमी मुल्कों के बाज़ारों के असर से बाहर आने के बाद मास्को (Moscow) के लिये ये राजस्व का अहम जरिया है।