एजेंसियां/न्यूज डेस्क (नियति वशिष्ठ): Russia Ukraine War: दक्षिणी यूक्रेन के रूसी नियंत्रित हिस्से में सोवियत काल का एक बड़ा बांध आज (6 जून 2023) तबाह हो गया। यूक्रेनी और रूसी दोनों सेनाओं के मुताबिक इस तबाही ने जंगी इलाके में पानी की बाढ़ ला दी है। दोनों तरफ के लोगों ने एक दूसरे पर बांध को तबाह करने का इल्जाम लगाया है।
सोशल मीडिया पर अनवेरिफाईड विजुअल्स में कखोवका बांध के आसपास सिलसिलेवार तेज बम धमाके देखे गये। बांध का पानी रिसकर निप्रो नदी (Dnipro River) में जाता दिखायी दिया। सामने आये दूसरे वीडियो में तबाह हुए बांध का मलबा पानी में तैरता दिखायी दिया। इस दौरान नोवा कखोवका बांध का कई सौ फुट का हिस्सा बहता दिखा, कखोवका जलाशय तेजी से नीप्रो में खाली हो रहा है।
दूसरी ओर यूक्रेन की सेना का दावा है कि कखोवका बांध को तबाह करने के पीछे रूसी सेना का हाथ था। यूक्रेन के सशस्त्र बलों के दक्षिण कमांड ने मामले को लेकर अपने फेसबुक पेज पर कहा कि, “कखोवका (बांध) को रूसी कब्जे वाली सेना ने उड़ा दिया।”
बांध के टूटने से आसपास के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है, ऐसे में वहां बसे करीब 16000 लोगों को निकालने के लिये यूक्रेन ने बचाव कवायदें तेज कर दी है। माना जा रहा है कि इस बाढ़ से जापोरज़्जियां में बने परमाणु संयंत्र को कोई नुकसान नहीं पहुँचने की संभावना है। हालांकि खेरसॉन इलाके में पानी पांच घंटे में गंभीर स्तर तक पहुंच सकता है, इसी बात के मद्देनज़र आस-पास के इलाकों में लोगों को निकालने की गतिविधियां तेज हो गयी है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की नोवा कखोवका बांध धमाके पर एक आपातकालीन बैठक करेंगे। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने ट्विटर पर ये जानकारी साझा की।
बता दे कि बांध तबाह हुआ बांध 30 मीटर ऊंचा और 3.2 किलोमीटर (लगभग दो मील) लंबा है, साल 1956 में ये निप्रो नदी पर बनाया गया था। इसमें काफी मात्रा में पानी होता है। इसमें अमेरिकी राज्य यूटा में ग्रेट साल्ट लेक के बराबर पानी है। नोवा कखोवका बांध क्रीमिया को पानी की सप्लाई करता है, जो कि साल 2014 में रूस की ओर से कब्जाया गया इलाका है।