एजेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): Russia Ukraine War: रूसी पुलिस ने मॉस्को में यूक्रेन के दूतावास में फूल चढ़ाने की चाहत रखने वाली दो महिलाओं और पांच बच्चों को हिरासत में लिया। 7 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों को उनकी मां के साथ एक वैन में तब तक रखा गया, जब तक उन्हें पुलिस स्टेशन नहीं ले जाया गया। मानवविज्ञानी एलेक्जेंड्रा आर्किपोवा (Alexandra Arkhipova) का कहना है कि उन्हें घंटों बाद रिहा कर दिया गया।
हिरासत में ली गयी दोनों महिलाओं की पहचान एकातेरिना ज़ाविज़ियन और ओल्गा ऑल्टर (Ekaterina Zvyazian and Olga Alter) के तौर पर हुई है। दोनों महिलाओं के साथ आने वाले बच्चे में 7 साल की सोफिया ग्लैडकोवा (Sofia Gladkova), 11 साल की लिसा ग्लैडकोवा, 11 साल का गोशा पेट्रोव, 9 साल का मैटवे पेट्रोव और 7 साल का डेविड पेट्रोव (David Petrov) को भी हिरासत में रखा गया। वीडियो साझा करने वाली एलेक्जेंड्रा आर्किपोवा रसियन प्रेजिडेंशिय़ल अकादमी ऑफ नेशनल इकोनॉमी एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मानवविज्ञानी के तौर पर काम करती है। वीडियो में बच्चे को रोते हुए और एक महिला को उसे दिलासा देते हुए दिखाया गया है।
आर्किपोवा के मुताबिक पुलिस ने दोनों महिलाओं से बच्चों की कस्टडी छीन लेने की धमकी दी। पुलिस ने उन्हें मुकदमे और जुर्माने का इंतजार करने को कहा। इस दौरान बच्चों के पैरेंट बुरी तरह डरे हुए दिखायी दिये। विरोध और गिरफ्तारी पर नज़र रखने वाली रूसी वेबसाइट ओवीडी-इन्फो का कहना है कि 14 साल तक के बच्चों को कानूनी तौर पर तीन घंटे से ज़्यादा वक़्त तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है।
यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Ukrainian Foreign Minister Dmitro Kuleba) ने बच्चों की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि इससे साफ हो जाता है कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग बच्चों को लेकर हो रही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि, “पुतिन बच्चों के साथ जंग में है। यूक्रेन में जहां उनकी मिसाइलों ने किंडरगार्टन और अनाथालयों को निशाना बनाया। वहीं दूसरी ओर मास्को में भी उन्होनें बच्चों को निशाने पर लिया। 7 साल की सोफिया ग्लैडकोवा, 11 साल की लिसा ग्लैडकोवा, 11 साल का गोशा पेट्रोव, 9 साल का मैटवे पेट्रोव और 7 साल का डेविड पेट्रोव को रात भर रूसी हिरासत में रहना पड़ा। इन बच्चों ने ‘नो टू वॉर’ पोस्टर के लिये रात सलाखों के पीछे बितायी। ये आदमी (राष्ट्रपति पुतिन) कितना डरा हुआ है।”
बता दे कि रूस के कई शहरों में हजारों लोगों ने पुलिस की धमकियों को सहन करते हुए यूक्रेन पर हमले का विरोध किया। रूसी अधिकारी यूक्रेन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन और पैदल मार्च को लेकर सहनशील नहीं है। रूसी सरकार ने साफ कह दिया है कि जो लोग इन गतिविधियों में शामिल होगें उन्हें जुर्माना, गिरफ्तारी और यहां तक कि कैद भी भुगतना पड़ सकता है।
OVD-Info के अनुसार 33 रूसी शहरों में 320 से ज्यादा युद्ध-विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। चूंकि व्लादिमीर पुतिन ने पिछले गुरुवार (24 फरवरी 2022) को यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था, अब तक कुल 6,840 लोगों को हिरासत में लिया गया।