Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का पहनावा बीते 24 घंटों में कितना बदल गया, जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। बीते गुरूवार को (24 फरवरी 2022) जब जेलेंस्की रूस के हमले के बाद प्रेस कांफ्रेंस करने आये तो उन्होंने कोट पहन रखा था लेकिन शुक्रवार (25 फरवरी 2022) जब वो प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिये आये तो वो टी-शर्ट में थे। इससे आप समझ सकते हैं कि ज़ेलेंस्की (Zelensky) पर कितना दबाव है और ये दबाव आज उनके बयान में दिखाई दे रहा था। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) से अपील करते हुए कहा कि वो अभी भी पुतिन से बात करने का इंतजार कर रहे हैं और वो चाहते हैं कि इस जंग को तुरन्त रोका जाये।
इसके अलावा अब ज़ेलेंस्की नाटो देशों से भी निराश हैं और उन्होंने खुलकर शिकायत की कि नाटो देशों ने बड़े-बड़े वादे किये थे लेकिन वो मदद के लिये आगे नहीं आये। दूसरी ओर नाटो (NATO) देशों ने जंग के दूसरे दिन हमेशा की तरह चुप्पी में तमाशा देखना जारी रखा और यूक्रेन से कहा कि वो सैन्य मदद के अलावा किसी भी चीज़ में मदद करने के लिये तैयार हैं। यानि वो यूक्रेन को नैतिक समर्थन देने के लिये तैयार हैं, लेकिन सैन्य मदद देने को तैयार नहीं हैं।
हालांकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने साफ कर दिया है कि ये जंग तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक कि यूक्रेन आत्मसमर्पण नहीं कर देता। पुतिन ने रूस पर कड़े शब्दों में आर्थिक प्रतिबंध लगाने वाले देशों को भी आगाह किया है और कहा है कि रूस की कार्रवाई के बीच में आने वाले देशों के खिलाफ रूस ऐसे कदम उठायेगा, जिन्हें इतिहास भी याद रखेगा।
अब बड़ा सवाल ये कि जंग के 40 घंटे बीत चुके हैं और दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां क्या कर रही हैं? इसलिये पोलैंड (Poland), ब्रिटेन और फिनलैंड जैसे देशों ने यूक्रेन को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। फिनलैंड (Finland) ने 50 मिलियन डॉलर यानि 375 करोड़ रुपये और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 20 मिलियन डॉलर यानि 150 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। इसके अलावा ताजा अपडेट में पता लगा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की है।
अमेरिका खुद को दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहता है। संयुक्त राष्ट्र जैसा संगठन दुनिया के 80 करोड़ लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करने की बात करता है। नाटो शांति और सहयोग की बात करता है। यूरोपीय संघ (European Union) खुद को लोकतंत्र का चैंपियन बताता है। लेकिन इन सभी देशों और संस्थानों ने अब तक यूक्रेन के लिये क्या किया है? इन देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाये हैं, जिनकी कोई अहमियत नहीं है। इन मुल्कों की ये कवायदें सिर्फ हाथी दांत है, जो कि सिर्फ और सिर्फ बाहरी तौर पर अच्छी लगती है।