बिजनेस डेस्क (राजकुमार): यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद पश्चिम समेत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने रूस (Russia) के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगा दिये हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनके देश पर लगाये गये प्रतिबंध जंग के ऐलान की तरह हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों ने भी पुतिन और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) की संपत्ति को सील कर दिया है। अमेरिका ने दोनों नेताओं पर यात्रा प्रतिबंध भी लगा दिया। लेकिन यूरोपीय संघ ने ऐसा नहीं किया है क्योंकि अगर हालात बेहतर हुए तो वो चर्चा के लिये मेज पर बैठ सकते हैं।
हालांकि यूरोपीय संघ ने अन्य रूसी नेताओं और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाये हैं। इनमें रूस के उप प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। पुतिन उन तीन वैश्विक नेताओं में शुमार हो गये हैं, जिन्हें यूरोपीय संघ ने ब्लैकलिस्ट किया गया है। इस लिस्ट में पहले सीरिया के बशर अल-असद (Bashar al-Assad) और बेलारूस के अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) शामिल हैं।
इस बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा है कि उनका मुल्क रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के करीबी 10 लोगों पर प्रतिबंध लगायेगा। अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूके ने बिजनेस टाइकून अलीशर उस्मानोव (Alisher Usmanov) समेत कई अहम रूसी कारोबारियों को ब्लैकलिस्ट किया। रूस के सबसे बड़े तेल उत्पादक रोसनेफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगोर सेचिन (Igor Sechin) और तेल उत्पादक ट्रांसनेफ्ट के प्रमुख निकोलाई टोकरेव (Nikolai Tokarev) भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी कुछ प्रतिबंधों का ऐलान किया। ऑस्ट्रेलिया ने कई प्रमुख रूसी नागरिकों और सांसदों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। अमेरिका, यूरोपीय संघ, स्विट्जरलैंड, जापान, कनाडा और दूसरे कई मुल्कों ने रूस के केंद्रीय बैंक, वित्त मंत्रालय और धन कोष के साथ सभी लेनदेन पर बैन लगा दिया। इन तीनों संस्थानों की विदेशी संपत्तियों को भी सील कर दिया गया है।
रूस के 7 बैंकों को स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम से बाहर कर दिया गया। जिससे ये बैंक ग्लोबल ट्रांजैक्शन नहीं कर पायेगें। रूस में वीज़ा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, पेपल और दूसरे पेमेंट नेटवर्क को ब्लॉक कर दिया गया हैं।
यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन ने रूस के लिये अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इन सभी देशों ने रूसी विमानों को अपने इलाकों में उड़ान भरने या उतरने पर बैन लगा दिया। यूरोपीय संघ ने रूस को सभी विमानों, उनके पुर्जों और उपकरणों का एक्सपोर्ट, बिक्री, सप्लाई और टैक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
अमेरिका और यूरोपीय संघ पहले ही रूस के एनर्जी और डिफेंस सेक्टर पर बैन लगा चुके हैं। इनमें रूस की कई गैस कंपनियां शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका सेमीकंडक्टर्स, कंप्यूटर, दूरसंचार, सूचना सुरक्षा उपकरण, लेजर और सेंसर के एक्सपोर्ट को सीधे नियंत्रित कर रहा है, अब वाशिंगटन रूस को इन प्रोड्क्टस की सप्लाई रोक रहा है, जो सैन्य क्षमताओं को बनाये रखने के लिये बेहद जरूरी हैं।