एजेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): चल रही रूस-यूक्रेन जंग (Russia Ukraine War) ने परमाणु हमले पर भारी चिंता पैदा कर दी है। जैसा कि दुनिया को डर है कि अगली परमाणु आपदा पूर्वी यूरोप में हो सकती है, फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी।
सामने आ रही रिपोर्ट में पश्चिमी और चीनी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि चीनी अधिकारी निजी तौर पर रूस को सीधे परमाणु खतरों को रोकने के लिये मनाने का श्रेय लेते हैं।
ये भी जिक्र किया गया था कि शी ने मार्च में मॉस्को (Moscow) की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान पुतिन को आमने-सामने चेतावनी दी थी, जो कि उनकी जीरो-कोविड नीति के तहत सख्त लॉकडाउन उपायों के बाद चीन के बाहर उनकी पहली यात्राओं में से एक थी।
रूस ने अक्सर युद्ध बढ़ने की चेतावनी दी है और साथ ही ये भी कहा है कि यूक्रेन के लिये पश्चिमी जंगी ताकतों के लगातार समर्थन से परमाणु युद्ध (Nuclear War) हो सकता है।
जब बेलारूस (Belarus) ने रूसी परमाणु हथियारों की मेजबानी की तो चिंतायें और बढ़ गयी। बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (President Alexander Lukashenko) ने जोर देकर कहा कि उनकी (परमाणु हथियारों की) तैनाती ने अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन नहीं किया है।
हाल ही में टीवी पर अपने संबोधन में पुतिन ने सामरिक परमाणु हथियारों के बारे में बात करते हुए कहा कि- “रूस परमाणु अप्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन किये बिना हथियार तैनात करेगा।”
पुतिन ने जिक्र किया था कि उन्होंने अपने बेलारूसी सहयोगी अलेक्जेंडर लुकाशेंको से बात की थी और वो ऐसा करने के लिये सहमत हुए थे।
चीन के रुख के मद्देनज़र यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के शीर्ष सलाहकार एंड्री यरमक ने कहा कि रूसी खतरों को लेकर बीजिंग का विरोध अहम स्थिति है। यरमक ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर फाइनेंशियल टाइम्स के लेख का स्क्रीनग्रैब साझा करते हुए ये बात कही।
बीते मंगलवार (4 जुलाई 2023) को ज़ेलेंस्की ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रॉन को बताया कि रूस मॉस्को के कब्जे वाले ज़ापोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Zaporizhia Nuclear Power Plant) में खतरनाक उकसावे की योजना बना रहा था।
ज़ेलेंस्की ने अपने बयान में कहा कि: “मैंने इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) को बताया कि कब्जे वाले सैनिक ज़ापोरीज़िया संयंत्र में खतरनाक उकसावे की तैयारी कर रहे हैं। हम आईएईए (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के साथ मिलकर हालातों को ज्यादा से ज़्यादा काबू में रखने की कोशिश पर सहमति बनाये हुए हैं।”
ज़ेलेंस्की ने अपने शाम के संबोधन में कहा कि- “यूक्रेनी खुफिया जानकारी के मुताबिक रूस ने परमाणु संयंत्र पर एक्सप्लोसिव जैसी चीज़ों को लगा रहे है। मुमकिन पर वो न्यूक्लियर प्लांट का इस्तेमाल हमले के लिये कर सकते है। ये भी हो सकता है कि वो इसके जरिये किसी और कार्रवाई को भी अंजाम दे सकते है। लेकिन किसी भी मामले में, दुनिया इस पर नज़रे बनाये हुए है। रेडिएशन दुनिया में हर किसी के लिये खतरा है।”
बता दे कि ये आरोप बिल्कुल नया नहीं है क्योंकि यूक्रेनी सेना ने भी आरोप लगाया है कि निकट भविष्य में ज़ापोरीज़िया बिजली संयंत्र के इलाके में उकसावे भरे हमले की संभावित तैयारियां हो रही है।
रूस ने इन सभी दावों का खंडन किया, दरअसल रेनाट कारचा (Renat Carcha) जो कि रूस की रोसाटॉम परमाणु एजेंसी के सलाहकार हैं, ने कीव पर संयंत्र पर हमले की योजना बनाने का आरोप लगाया था।
करचा ने रूसी टेलीविजन को बताया कि, “हमें जानकारी मिली है कि… 5 जुलाई को सचमुच रात में, अंधेरे में, यूक्रेनी सेना ज़ापोरीज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने की कोशिश करेगी।”