एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): Russian Ukraine War: जर्मनी को यूक्रेन को हथियार भेजने के लिये अपनी रज़ामंदी ना देने पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, इसी बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि फ्रांस और जर्मनी ने रूस को लाखों मूल्य के हथियार भेजे, जिसका यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल होने की संभावना है। एक ब्रिटिश अखबार ने मिसाइलों, बंदूकों और रॉकेटों समेत कई सैन्य उपकरणों की जानकारी दी, जो साल 2014 के क्रीमियन संघर्ष (Crimean conflict) के बाद रूस के खिलाफ हथियारों के प्रतिबंध के बावजूद पुतिन शासन को भेजे गये थे।
यूरोपीय आयोग (European Commission) ने कथित तौर पर हथियारों की नाकाबंदी नीति में खामियों को दूर किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि जर्मनी ने अपने फैसले का बचाव किया क्योंकि रूस ने आश्वासन दिया था कि रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ की हथियार नाकाबंदी नीति पर अस्पष्टता की रिपोर्टों के बीच ये खरीद-फरोख़्त नागरिक इस्तेमाल के लिये थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फ्रांसीसी फर्मों ने लड़ाकू विमानों के लिये नेविगेशन सिस्टम (Navigation System) समेत रूसी टैंकों के लिये थर्मल इमेजिंग कैमरे (Thermal Imaging Camera) भी भेजे थे।
यूरोपीय संघ (European Union) ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस को दोहरे इस्तेमाल वाली वस्तुओं के निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिये कदम बढ़ाया था। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने तब से रूसी अर्थव्यवस्था (Russian Economy) को नुकसान पहुंचाने के लिये अपने वित्तीय और अन्य क्षेत्रों को टारगेट करने वाले पुतिन के शासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों का ऐलान किया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया और चेक गणराज्य (Bulgaria and the Czech Republic) ने भी रूस को हथियार भेजे थे। इस बीच जर्मनी ने घोषणा की कि वो यूक्रेन को हथियार भेजने के लिये यूरोपीय देशों के साथ समझौते पर पहुंच गया है।
इस बीच जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ (German Chancellor Olaf Scholz) ने कीव को हथियार नहीं भेजने के अपनी सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि उसके पास हथियारों पर्याप्त स्टॉक नहीं है।