न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कांग्रेस आलाकमान की ओर से चेतावनी दिये जाने के बावजूद अपना दिन भर का उपवास आज (11 अप्रैल 2023) शुरू कर दिया, राजस्थान में विपक्षी दल के नेताओं ने राज्य सरकार में फैली वैचारिक दरार की ओर इशारा किया।
राजस्थान भाजपा नेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि पिछली वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ कथित रूप से लंबित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए पायलट का उपवास बुलाने का फैसला राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। सचिन पायलट आलाकमान को खुली चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस ने देश भर में अपनी पकड़ खो दी है।
राठौर ने आगे कहा कि कांग्रेस की कमजोर आलाकमान को राजस्थान में दो अहम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पहली चुनौती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के गुट की ओर से 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक का बहिष्कार करने की थी और दूसरी पायलट के अनशन की।
पायलट का समर्थन करने वालों में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी थे, जिन्होंने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस के रुख ने ये संदेश दिया कि पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये कतई गंभीर नहीं है। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- “कांग्रेस सरकार या भाजपा सरकार (वे) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। इसलिये आप देख रहे हैं कि पूर्व उपमुख्यमंत्री अपनी ही सरकार का विरोध करने जा रहे हैं। इससे क्या संदेश निकलता है? जो संदेश जाता है वो ये है कि कांग्रेस या भाजपा भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर नहीं है।”
आम आदमी पार्टी (AAP- Aam Aadmi Party) जिसने हाल ही में ऐलान किया है कि वो आगामी राजस्थान चुनावों (Rajasthan Elections) में चुनावी मैदान में उतरेगी, उसने भी पायलट के विरोध का समर्थन किया। राजस्थान के लिए आप चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा (Vinay Mishra) ने गहलोत सरकार को भ्रष्ट और बेकार बताया। मिश्रा ने आज ट्वीट कर लिखा कि, “राज्य में इतना भ्रष्टचार फैला है कि एक उच्च शिक्षित युवा नेता सचिन पायलट आज भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अब राजस्थान को बेहतरीन विकल्प की जरूरत है।”