न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): Saharanpur Crime News: बीते 8 मार्च को मोहल्ला मुखदूम में बाल्मीकी समाज (Balmiki Society) के एक परिवार के घर में देर रात अचानक आग लगने का केस थाना गंगोह पुलिस ने दर्ज किया गया। इस आगजनी के मामले में पीड़िता रोशनी की मौके पर ही मौत हो गयी। साथ ही मृतका के बेटे प्रवीण और उसकी पत्नी शैफाली, बच्चे ओनिक, अवनि और माही भी बुरी तरह से आग में झुलस गये। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए धारा 436/307/302/120बी/504/506 आईपीसी और 3(2)V एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने पीड़ितों की सूचना के आधार पर मामले में पहल सिंह, पकंज, कुलदीप और सन्नी को नामजद किया। छानबीन की बागडोर विवेचना क्षेत्राधिकारी गंगोह रिजवान अहमद (Investigation Officer Gangoh Rizwan Ahmed) के सौंपी गयी। रिजवान अहमद ने गहरायी से मामले की छानबीन करते हुए सच्चाई की तह तक पहुँचने के लिये फायर सर्विस, फील्ड यूनिट टीम और विद्युत विभाग (Field Unit Team and Electrical Department) के अधिकारियो को मौके पर बुलवाया ताकि आग लगने के कारणों का खुलासा हो सके।
मृतका रोशनी के परिवार जन और बजरंग दल (Bajrang Dal) के लोग अभियुक्तों की तुरन्त गिरफ्तारी की मांग करते हुये थाना गंगोह पुलिस और इंवेस्टीगेशन अधिकारी रिजवान अहमद पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी न करने के साथ मामले लीपापोती के आरोप लगाये गये। जिसकी वज़ह से थाना गंगोह के बाहर बजरंग दल ने जमकर बवाल काटा था। गंभीरता और आरोपों को देखते हुए जांच पड़ताल की बागडोर क्षेत्राधिकारी बेहट चित्रान्शु गौतम (Officer Behat Chitranshu Gautam) के सुपुर्द कर दी गयी।
बीते 25 मार्च को चित्रान्शु गौतम ने फॉरेंसिक वैज्ञानिकों और फोटोग्राफरों की टीम बारीकी निरीक्षण के लिये बुलाई। इस दौरान मौका-ए-वारदात पर सबूत एकत्र करने के लिये क्षेत्राधिकारी बेहट, क्षेत्राधिकारी नकुड, प्रभारी निरीक्षक गंगोह प्रविन्द्र पाल सिंह और फील्ड यूनिट सहारनपुर (Field Unit Saharanpur) की टीम मौके पर मौजूद रही।
बता दे कि फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) में अरविन्द कुमार वैज्ञानिक अधिकारी, मनोज सागर वैज्ञानिक अधिकारी, शरीफ अहमद जिस्ट वैज्ञानिक सहायक और संजय कुमार फोटोग्राफर ने केस सुलझाने में पुलिस की काफी मदद की। इकट्ठा किये गये सबूतों और तथ्यों के आधार पर बीते गुरूवार (31 मार्च 2022) को इस रिपोर्ट सामने आयी। जिसमें सामने आया कि मौके से किसी भी तरह का पेट्रौल, डीजल या अन्य किसी तरह का ज़्वलनशील पदार्थ (Combustible Material) नहीं पाया गया है। कम्प्यूटर फॉरेन्सिक विभाग (Computer Forensic Department) में उपलब्ध करायी गयी डीवीआर की जांच करने पर डीवीआर पूरी तरह जली हुयी पायी गयी। इस वज़ह से कोई विडियो फुटेज रिकवर नही हो सकी।
फॉरेन्सिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम की रिपोर्ट से ग्राउण्ड फ्लोर के कमरे की खिड़की के पास बांयी तरफ वाले बिजली के स्विच बोर्ड में तार गलने से ये साफ होता है कि आग लगने का कारण स्विच बोर्ड मे शॉर्ट सर्किट होना है। आग लगने से लपटें स्विच बोर्ड से दीवार पर लगे पीवीसी शीट में लगी, जो धीरे-धीरे दीवार की पास की चीज़ों और फॉल्स सींलिग में फैल गयी। इसी क्रम में सिलसिलेवार तरीके से आग बढ़ती चली गयी।