न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): बीते 11 दिसंबर को सहारनपुर पुलिस (Saharanpur Police) ने सरकारी तेल पाईपलाईन से तेल चोरी करने वाला अन्तर्राज्जीय गिरोह (Interstate Gang) का पर्दाफाश किया था। गिरोह के लोग सरकारी तेल पाइपलाईन में सेंध लगाकर खुले बाज़ार में बेचते थे। गिरोह के तार और वारदातें उत्तराखंड तक फैली हुई थी। पुलिस ने मामले में आठ लोगों की गिरफ्तारी करते हुए पाइप काटने के औजार बरामद किये थे। जिसके बाद सहारनपुर पुलिस अभियुक्तों के खिलाफ पैट्रोलियम एवं मिनरल्स पाईपलाइन्स अधिनियम (Petroleum and Minerals Pipelines Act), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने अपने इकबालिया बयान (Confession) में कहा था कि वो इस वारदात को अंज़ाम देने के लिये जिला आपूर्ति अधिकारी (District Supply Officer -DSO) की मदद लेते थे। इस जानकारी की बुनियाद पर पुलिस ने अब मुजफ्फरनगर के डीएसओ बृजेश कुमार शुक्ला (DSO Brijesh Kumar Shukla) को धरदबोचा है। बृजेश को हिरासत में उस वक़्त लिया जब वो शाम पांच बजे के आसपास लाखनौर पुल हाईवे कट के पास से कहीं जा रहा था।
पूछताछ करने पर गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना जुर्म कबूलते हुये बताया कि मैं जनपद मुजफ्फरनगर पर डीएसओ के पद तैनात हूँ और मेरे कार्यालय में श्रीराम नाम का एक चपरासी काम करता था। जिससे मेरी अच्छी बातचीत थी। उससे मेरे काफी करीबी संबंध थे। अक्सर उसके माध्यम से मैं रिश्वत (Bribe) लेता था। इसी साल जून महीने के दौरान श्रीराम रिटायर हो गया। बावजूद इसके हम दोनों ने रिश्वत लेकर गैरकानूनी काम करवाते थे। अपने इलाके में मैं चोरी का तेल बेचने के एवज़ में अभियुक्तों से हर महीने तीस हज़ार रूपये घूस लेता था। इस काम में मेरी मदद श्रीराम करता था।
बता दे कि छानबीन में सामने आया है कि अभियुक्त बृजेश कुमार शुक्ला इससे पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में सज़ायाफ्ता रहा है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) 1988 का मामला रहा है। जिसके चलते वो जेल भी जा सका है। बृजेश कुमार शुक्ला की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले की सभी गुत्थियों का सहारनपुर पुलिस ने सुलझा लिया है।
अब जल्द दी मजबूत आरोप पत्रों की बुनियाद पर गिरोह के सदस्यों को सख़्त से सख़्त सज़ा होने का रास्ता साफ हो चुका है। गौरतलब है कि डीएसओ बृजेश कुमार की धरपकड़ करने वाली टीम की अगुवाई थाना प्रभारी सरसावा धर्मेन्द्र सिंह (Police station in-charge Sarsawa Dharmendra Singh) ने की। एसएचओ की ही अगुवाई में ही गिरोह के आठ सदस्यों को पहले ही पकड़ा जा चुका था।