धर्म डेस्क (नई दिल्ली): सकट चौथ (Sakat Chauth) जिसे संकटहारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं और जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश (Ganesha) की पूजा करते हैं। संस्कृत में संकष्टी का अर्थ है ‘कठिनाइयों से मुक्ति’। हिंदू त्योहार हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन (चंद्रमा के घटते चरण) पर मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। भक्त गणेश की आरती और चालीसा का पाठ भी इस विश्वास के साथ करते हैं कि यह विशेष पुण्य प्रदान करता है।
सकट चौथ (Sakat Chauth) 2022: पूजा मुहूर्त
पूजा मुहूर्त: 02:30 पूर्वाह्न से 04:09 पूर्वाह्न, 22 जनवरी (अमृत काल)
चंद्रोदय (moon rising): 09:32 अपराह्न, 21 जनवरी
इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं। इस दिन लाल रंग पहनना शुभ माना जाता है।
भगवान गणेश की मूर्ति को ताजे फूलों और ध्रुव घास से सजाया जाता है। पूजा के लिए भक्त तिल के गुड़ के लड्डू और पूजा के लिए तांबे के कलश में जल, धूप, चंदन रखते हैं। व्रत रखने वाले भक्तों को इस दिन फल और कच्ची सब्जियां खाने की अनुमति होती है।
पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करना चाहिए।
चंद्रमा के उदय से पहले भगवान गणेश की पूजा के बाद संकष्टी व्रत कथा का वर्णन किया जाता है। चंद्रमा (चंद्रोदय) को देखने के बाद, संकटहारा चतुर्थी पूजा की जाती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है। भक्त रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद अपना उपवास तोड़ सकते हैं।
सकट चौथ (Sakat Chauth) 2022: शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:20 पूर्वाह्न से 05:03 AM
सकट चौथ (Sakat Chauth) 2022: मंत्र
Om गण गणपतये नमः और Om वक्रतुंडय हम
सकट चौथ (Sakat Chauth) 2022: महत्व
चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन का पवित्र अनुष्ठान मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस शुभ दिन पर व्रत रखता है, तो उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।